Bat Sleep: चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोता है.. गिरता भी नहीं? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे का साइंस
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Bat Sleep: चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोता है.. गिरता भी नहीं? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे का साइंस

Bat Sleep Interesting Facts: जानवरों में रूचि लेने वाले लोगों के मन में चमगादड़ों को लेकर कई सवाल हमेशा उठते रहते हैं. इनमें से एक सवाल जो सबसे ज्यादा परेशान करता है, वो है चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोता है?

Bat Sleep: चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोता है.. गिरता भी नहीं? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे का साइंस

Bat Sleep Interesting Facts: जानवरों में रूचि लेने वाले लोगों के मन में चमगादड़ों को लेकर कई सवाल हमेशा उठते रहते हैं. इनमें से एक सवाल जो सबसे ज्यादा परेशान करता है, वो है चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोता है(why do bats sleep upside down)? जब भी आप किसी गुफा की छत या पुल के नीचे चमगादड़ों को लटकते हुए देखते हैं.. तो आपके भी मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर ये जीव उल्टा लटककर क्यों सोता है? यह कोई साधारण आदत नहीं बल्कि लाखों साल की विकास यात्रा का नतीजा है.

उड़ने की क्षमता से जुड़ा रहस्य

वैज्ञानिकों ने बताया कि चमगादड़ पहले जमीन पर चलने वाले स्तनधारी थे. लेकिन समय के साथ इस जीव ने उड़ने की क्षमता विकसित की. इलिनॉयस बैट कंजर्वेशन प्रोग्राम की बैट जीवविज्ञानी तारा होहॉफ के मुताबिक चमगादड़ पहले उड़ने वाली गिलहरियों की तरह पेड़ों से छलांग लगाकर ग्लाइड करने लगे. इसके लिए उन्होंने मजबूत पैर विकसित किए. जो धीरे-धीरे पंखों में बदल गए. हालांकि पक्षियों की तरह इनके हड्डियां खोखली नहीं होतीं. जिससे ये उड़ते समय ज्यादा लिफ्ट नहीं बना सकते. इस वजह से चमगादड़ उड़ान भरने के लिए खुद को ऊंचाई से गिराने की तकनीक अपनाते हैं.

बिना ताकत लगाए लटकने की कला

अगर कोई इंसान किसी सतह से उल्टा लटकने की कोशिश करे तो यह उसके लिए काफी मुश्किल होगा. लेकिन चमगादड़ों के शरीर की संरचना उन्हें यह आसानी से करने में मदद करती है. बॉलिंग ग्रीन स्टेट यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी डेनियल पावुक के अनुसार चमगादड़ जब किसी सतह को पकड़ते हैं तो उनके पंजों की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं. जैसे ही वे अपने शरीर को ढीला छोड़ते हैं.. उनका वजन पंजों के टेंडन पर दबाव डालता है. इससे उनके पंजे अपने आप बंद हो जाते हैं और बिना किसी प्रयास के वे लटके रह सकते हैं.

बिना एनर्जी खर्च किए आराम

यह अनोखी शारीरिक बनावट चमगादड़ों को बिना किसी अतिरिक्त ऊर्जा खर्च किए आराम से लटकने देती है. उनका शरीर पूरी तरह रिलैक्स रहता है. गुरुत्वाकर्षण ही उनके लिए काम करता है. इंसानों के विपरीत उनके छोटे शरीर का दिल पूरे शरीर में आसानी से रक्त संचार कर सकता है. जिससे वे लंबे समय तक इस स्थिति में रह सकते हैं.

लटकने से मिलती है सुरक्षा

चमगादड़ों का यह तरीका न केवल उड़ान के लिए मददगार है बल्कि उन्हें शिकारी पक्षियों और अन्य दुश्मनों से भी बचाने में कारगर साबित होता है. गुफाओं की छतों और पुलों के नीचे जैसे दुर्गम स्थानों पर लटकने से वे उल्लू, बाज और सांपों से बच पाते हैं. कुछ चमगादड़ जमीन से भी उड़ान भर सकते हैं. लेकिन उनके लिए यह काफी कठिन होता है. इसीलिए वे लटकी हुई स्थिति से सीधे हवा में छलांग लगाकर उड़ान भरना ज्यादा पसंद करते हैं.

कुछ चमगादड़ अलग तरीके से भी सोते हैं

दिलचस्प बात यह है कि सभी चमगादड़ उल्टा लटककर नहीं सोते. मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले 'डिस्क-विंग्ड बैट' अपने अंगूठों पर मौजूद खास सक्शन कप्स की मदद से पत्तों की सतह से चिपककर सोते हैं. चमगादड़ दुनिया के एकमात्र उड़ने वाले स्तनधारी हैं. इसलिए उनके उड़ान भरने और उल्टा लटकने के रहस्य को समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ प्रजातियों के चमगादड़ जमीन से उड़ान भरने में ज्यादा सक्षम होते हैं. इसलिए इनकी शारीरिक बनावट पर और अध्ययन करना उपयोगी हो सकता है.

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