Tulsi Shami Vastu Tips: तुलसी और शमी दो ऐसे शुभ पौधे हैं जिन्हें हर घर में देखा जा सकता है. तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना गया है. जबकि, शमी का पौधा शनि देव की कृपा पाने के लिए लगाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों पौधों को एकसाथ लगा सकते हैं या नहीं. आइए जानते हैं इस बारे में वास्तु शास्त्र क्या कहता है.
Trending Photos
Tulsi Shami Vastu Tips: वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ पौधे घर में सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति लाने में सहायक होते हैं. तुलसी का पौधा मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, जबकि शमी का पौधा भगवान शिव और शनिदेव की कृपा को आकर्षित करता है. दोनों ही पौधे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होते हैं, लेकिन इन्हें लगाने के कुछ विशेष नियम होते हैं. ऐसे में चलिए जानते है कि क्या तुलसी और शमी के पौधे को एकसाथ लगा सकते हैं या नहीं.
तुलसी और शमी को एकसाथ लगाना शुभ या अशुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में लगाना शुभ माना जाता है. जबकि, शमी को पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए. इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है. यही वजह है कि लोग इन दोनों शुभ पौधों को घर में लगाते हैं.
एक ही गमले में लगाने की ना करें गलती
वास्तु नियम के मुताबिक, तुलसी और शमी का पौधा अलग-अलग गमलों में लगाना चाहिए. इन्हें पास में रखना शुभ होता है, लेकिन एक ही गमले में लगाना वर्जित है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी बुध ग्रह से जुड़ी होती है और इसमें मां लक्ष्मी का वास माना जाता है. जबकि, शमी के पौधे में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का वास माना गया है. इसलिए दोनों पौधे घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं.
तुलसी व शमी पूजन के नियम
धर्म-शास्त्रों के मुताबिक, तुलसी और शमी की नियमित रूप से पूजा और जल अर्पण करना चाहिए. रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को स्पर्श न करें और न ही जल चढ़ाएं. इसके साथ ही तुलसी के आगे रोज घी का दीपक जलाएं. वहीं, शमी के आगे शनिवार को दीपक जलाने से शनि कृपा मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)