Dhirendra Shastri News: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. कभी अपने चमत्कारों के लिए तो कभी अपने बयानों के लिए. जानिए धीरेंद्र शास्त्री के गुरु कौन हैं.
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Bageshwar Dham News: पर्ची निकालकर सामने वाले के मन की बात बता देने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री देश ही नहीं दुनिया में मशहूर हो गए हैं. बीते कुछ ही सालों में मध्यप्रदेश में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने खूब ख्याति पाई है. साथ ही उनका अंदाज और बेबाक बयान विवादों में भी आए हैं. हाल ही में उन्होंने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाई गईं और फिर हटाई गईं ममता कुलकर्णी को लेकर भी बयान दिया था.
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9 साल में पाई थी सिद्धि
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद बताया है कि उनको 9 साल की उम्र में हनुमान जी से सिद्धि प्राप्त हुई थी जिसके कारण वे लोगों के मन की बात पढ़ लेते हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया कि एक रात वह अपने दादा के पास पहुंचे और उनका हाथ पकड़कर उन्हें बागेश्वर धाम मंदिर के सामने ले गए. वहां ले जाकर उन्होंने देखा कि कुछ उजाला जैसा हुआ और उन्हें सिद्धि प्राप्त हुई. इसके बाद से ही वे लोगों के मन की बात पढ़ लेते हैं.
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धीरेंद्र शास्त्री के गुरु
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों से यदि आप प्रभावित हैं तो उनके गुरु की महिमा सुनकर तो आप दंग ही रह जाएंगे. बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के गुरु स्वामी रामभद्राचार्य हैं. स्वामी रामभद्राचार्य रामलला जन्मभूमि मामले में गवाह भी रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में जन्मे गुरु रामभद्राचार्य का बचपन का नाम गिरधर मिश्रा था. वे जब 2 महीने के थे, तभी उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. लेकिन अपनी विलक्षण बुद्धि की दम पर उन्होंने जो किया, वह आश्चर्यचकित करने वाला है.
देख नहीं सकते पर लिख दिए 80 ग्रंथ
स्वामी रामभद्राचार्य 22 भाषाओं के ज्ञाता हैं. वे देख नहीं सकते हैं लेकिन 80 ग्रंथ रच चुके हैं. साथ ही स्वामी रामभद्राचार्य चित्रकूट में स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ नामक धार्मिक और सामाजिक सेवा स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं और आजीवन कुलाधिपति हैं. वे रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान 4 जगद्गुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर साल 1988 से प्रतिष्ठित हैं. साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था.