Unique Wedding: शादी के बाद 3 दिन तक टॉयलेट जाने की नहीं है परमिशन, जानें ये कौन सी प्रथा?
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Unique Wedding: शादी के बाद 3 दिन तक टॉयलेट जाने की नहीं है परमिशन, जानें ये कौन सी प्रथा?

Wedding Tredition: एक अनोखी प्रथा है, जहां दुल्हन और दूल्हे को शादी के बाद तीन दिनों तक एक कमरे में बंद कर दिया जाता है और इस दौरान उन्हें शौचालय तक जाने की अनुमति नहीं होती. इस रस्म से जुड़ी कई मान्यताएं हैं और यह समुदाय में शादी की सांस्कृतिक समझ पर आधारित है.

 

Unique Wedding: शादी के बाद 3 दिन तक टॉयलेट जाने की नहीं है परमिशन, जानें ये कौन सी प्रथा?

Bride Groom Weird Tribe: दुनिया के कई हिस्सों में शादी की रस्में चौंकाने वाली होती हैं और कुछ तो बेहद ही अजीब. कहीं दुल्हन की मां शादी के तुरंत बाद दंपति के कमरे में ही रहती है तो कहीं लड़कियों की शादी पहले कुत्तों या मेंढकों जैसे जानवरों से कराई जाती है. ऐसी ही एक अनोखी प्रथा है, जहां दुल्हन और दूल्हे को शादी के बाद तीन दिनों तक एक कमरे में बंद कर दिया जाता है और इस दौरान उन्हें शौचालय तक जाने की अनुमति नहीं होती. इस रस्म से जुड़ी कई मान्यताएं हैं और यह समुदाय में शादी की सांस्कृतिक समझ पर आधारित है.

 

इंडोनेशिया-मलेशिया की तिडोंग जनजाति

यह अजीबोगरीब रिवाज तिडोंग जनजाति द्वारा निभाया जाता है, जो इंडोनेशिया और मलेशिया के बोर्नियो क्षेत्र में रहते हैं. 'तिडोंग' शब्द का अर्थ है 'पहाड़ों में रहने वाले लोग'. इस जनजाति का मुख्य व्यवसाय खेती है, जिसके लिए वे स्लैश-एंड-बर्न विधि का उपयोग करते हैं. तिडोंग लोगों के अनुसार, शादी एक पवित्र समारोह है. उनका मानना है कि अगर दूल्हा-दुल्हन शादी के पहले तीन दिनों के दौरान शौचालय जाते हैं, तो इससे उनकी पवित्रता भंग हो जाएगी और वे अपवित्र हो जाएंगे. शादी की पवित्रता बनाए रखने के लिए नवविवाहितों को तीन दिनों तक शौचालय का उपयोग करने से मना किया जाता है. अगर वे ऐसा करते हैं, तो इसे अपशगुन माना जाता है.

 

नजर रखते हैं परिवार वाले

यह सुनिश्चित करने के लिए कि दंपति इस परंपरा का पालन करें, परिवार के सदस्य नवविवाहितों पर नजर रखते हैं. कुछ मामलों में, दुल्हन और दूल्हे को एक कमरे में बंद भी कर दिया जाता है ताकि वे बाहर न जा सकें. इस रस्म के पीछे एक और मान्यता है दंपति को बुरी शक्तियों से बचाना. जनजाति का मानना है कि शौचालयों में गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा होती है जो दुल्हन और दूल्हे के रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती है. उन्हें डर है कि अगर दंपति शौचालय का उपयोग करते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा उनके विवाह में दरार पैदा कर सकती है.

 

कम खाना, कम पानी

इन तीन दिनों के दौरान नवविवाहितों को बहुत कम खाना दिया जाता है ताकि उन्हें शौचालय जाने की आवश्यकता न पड़े और उनका पानी का सेवन भी सीमित कर दिया जाता है. इस जनजाति का मानना है कि जो जोड़े इस परंपरा को पूरा करते हैं उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. हालांकि, जो लोग असफल होते हैं उनके विवाह के टूटने या मृत्यु का खतरा होता है.

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