लखनऊ के 81 अपार्टमेंट ध्वस्त होंगे या नहीं? फ्लैट मालिकों के लिए आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
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लखनऊ के 81 अपार्टमेंट ध्वस्त होंगे या नहीं? फ्लैट मालिकों के लिए आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Lucknow News: लखनऊ के 81 अपार्टमेंट पर एलडीए के बुलडोजर एक्शन मामले में  फ्लैट मालिकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सभी अपार्टमेंट गिराने के आदेश पर रोक लगा दी है.

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Lucknow News: लखनऊ के 81 अपार्टमेंट पर एलडीए के बुलडोजर एक्शन मामले में  फ्लैट मालिकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सभी अपार्टमेंट गिराने के आदेश पर रोक लगा दी है. फ्लैट मालिकों को कंपाउंडिंग के लिए अर्जी देने की अनुमति दी गई है. इससे फ्लैट मालिकों को राहत मिली है. इन अपार्टमेंट्स में करीब 800 फ्लैट हैं, जहां परिवार रह रहे हैं.

एलडीए ने लखनऊ में अवैध अपार्टमेंट को चिन्हित किया था. नक्शे के विपरीत बने करीब 81 अपार्टमेंट तोड़ने की तैयारी थी. एलडीए के इस एक्शन को लेकर करोड़ों का फ्लैट खरीदने वाले सैकड़ों लोग परेशान हैं. एलडीए ने 15 दिन का नोटिस जारी कर कब्जा खाली करने का निर्देश दिए थे. एलडीए ने इन अपार्टमेंट्स को ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया था. आशियाना छिनने के डर से फ्लैट मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जहां से लोगों को बड़ी राहत मिली है.

लखनऊ के हजरतगंज स्थित क्ले स्क्वायर बिल्डिंग में लगभग 20 फ्लैट मौजूद हैं. यहां फ्लैट को रिनोवेट कर रहने की तैयारी कर रहे 50 वर्षीय अब्दुल ने बताया कि उनके परिवार में आठ लोग हैं और वह यहां पर अपना आशियाना बसाने जा रहे थे, लेकिन उससे पहले इनको ध्वस्त करने की खबर देखकर घबरा गए हैं. उन्होंने बताया कि इसमें फ्लैट खरीदने वालों की कोई गलती नहीं है हम लोग बेकसूर हैं.

लखनऊ के अलग-अलग इलाकों में पिछले 20 साल के दौरान बने इन अपार्टमेंट में लोग रह रहे हैं. लेकिन अवैध निर्माण के चलते एलडीए ने इनको ध्वस्त करने की तैयारी की है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सभी से 15 दिन में इनको खाली करने का नोटिस भी जारी किया था. इन सभी अपार्टमेंट का एलडीए से नक्शा पास नहीं है. इससे पहले भी एलडीए ने इनको ध्वस्त करने का आदेश दे चुका है  लेकिन कार्रवाई नहीं की थी. 

एलडीए ने चिन्हित किए अवैध फ्लैट
2012 में हाई कोर्ट में अवैध निर्माण को लेकर पीआईएल दाखिल हुई थी. जिसके बाद 2014 में एलडीए ने अवैध अपार्टमेंट को चिन्हित करने का काम शुरू किया था. अवैध अपार्टमेंट की बाकायदा लिस्ट भी तैयार की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. हाईकेर्ट ने गोमती नगर के विभूति खंड में एक बिल्डिंग के अवैध निर्माण को लेकर सख्ती दिखाई है. जिसके बाद ठंड बस्ते मे गई अवैध अपार्टमेंट की लिस्ट को दोबारा निकाला गया.

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