कराची का अकेला हिंदू परिवार,‌ पाकिस्तान से 400 मृत सनातनियों की अस्थियों को संगम में बहाने लाया, प्रयागराज में बसते थे पूर्वज
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कराची का अकेला हिंदू परिवार,‌ पाकिस्तान से 400 मृत सनातनियों की अस्थियों को संगम में बहाने लाया, प्रयागराज में बसते थे पूर्वज

Haridwar News: पाकिस्तान के कराची का अकेला हिंदू परिवार 400 अस्थि कलशों के साथ हरिद्वार पहुंचा और उन्हें 100 किलो दूध की धारा के साथ पवित्र गंगा जल में प्रवाहित किया ताकि उन्हें मोक्ष मिल सके. 

कराची का अकेला हिंदू परिवार,‌ पाकिस्तान से 400 मृत सनातनियों की अस्थियों को संगम में बहाने लाया, प्रयागराज में बसते थे पूर्वज

Haridwar News: पाकिस्तान के कराची से लाई गईं 400 मृत सनातनियों की अस्थियों का शनिवार को हरिद्वार में गंगा की पवित्र जल धारा में विसर्जन किया गया. अस्थियों का विसर्जन 100 लीटर दूध की धारा के साथ हरिद्वार के सती घाट मोक्षदायनी गंगा की धारा मेंविधिवत पूजा पाठ के साथ किया गया. 

पूरे कराची में अब एक ही सनातनी परिवार 
कराची के हनुमान मंदिर के महंत गुरु राम नाथ मिश्रा ने बताया कि पूरे कराची में अब उनका ही सनातनी परिवार रह गया है. महंत रामनाथ मिश्रा ने कहा भारत सरकार को बड़े भाई की तरह छोटे भाई से समन्वय बनाकर अस्थि विसर्जन और अन्य धार्मिक कार्यों में वीजा के नियमों को हल्का करना चाहिए, ताकि जो सनातनी भारत और भारत के अलग धार्मिक स्थान में आना चाहते हैं वह आराम से आ पाए. 

महाकुंभ लाए गए थे 400 अस्थि कलश
बता दें कि कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान से 400 अस्थि कलश लेकर रामनाथ मिश्रा का परिवार पहले प्रयागराज महाकुंभ पहुंचा था. रामनाथ मिश्रा कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर और श्मशान घाट के मुख्य सेवक है जो अस्थियों को तर्पण के लिए भारत लेकर आए.  

निगम बोध घाट पर अस्थियों का पूजन
रामनाथ मिश्रा अपनी पत्नी, बेटे, दो बेटियों और भतीजे के साथ महाकुंभ नगर पहुंचे थे और यहां महाकुंभ नगर सेक्टर 24 में अपने नौ साल के बेटे का जनेऊ संस्कार किया था. महाकुंभ नगर के बाद रामनाथ मिश्रा अपने परिवार के साथ हरिद्वार से पहले 21 फरवरी को दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने संगम के जल से निगम बोध घाट अस्थि कलशों का पूजन किया था. 

रामनाथ मिश्रा ने बताया कि पिछले सात-आठ साल में कराची में जिन लोगों का अंतिम संस्कार किया गया ये उनकी अस्थियां हैं, वो इनका तर्पण भारत में करना चाहते थे और जैसे ही उन्हें वीजा मिला वो अस्थि कलशों के साथ भारत आ गए. राम नाथ मिश्रा ने यह भी बताया कि उनके पूर्वज प्रयागराज के ही थे वो प्रयागराज के चकिया गांव से हैं. लेकिन कई वर्षों से पाकिस्तान में रहने की वजह से अब गांव में किसी से संपर्क नहीं रहा. 

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