Uttarakhand Budget 2025: उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है. विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री सवालों के घेरे में आ गए. आइए जानते हैं क्यों उठा कृषि मंत्री के ज्ञान पर सवाल....
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Uttarakhand Budget 2025: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार का दिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया, जब कृषि मंत्री गणेश जोशी प्राकृतिक खेती पर सवालों के घेरे में आ गए. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक बृजभूषण गैरोला ने प्राकृतिक खेती को लेकर सवाल पूछा.
इसके बाद कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने क्रॉस सवाल करते हुए कृषि मंत्री से प्राकृतिक खेती की परिभाषा बताने को कहा कि जैसे ही कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जवाब देना शुरू किया, सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने उनके जवाब पर सवाल खड़े कर दिए. लगभग 25 मिनट तक गणेश जोशी प्राकृतिक खेती की परिभाषा समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन सदन के सदस्य उनके उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए. स्थिति बिगड़ती देख विधानसभा अध्यक्ष ने सवाल को स्थगित कर दिया.
कृषि मंत्री के ज्ञान पर सवाल
कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने कृषि मंत्री के ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्रीजी न केवल गलत परिभाषा दे रहे थे, बल्कि उनके अधिकारी भी उन्हें सही परिभाषा नहीं बता सके. वीरेंद्र जाति का मानना है कि एक कृषि मंत्री होने के नाते गणेश जोशी को स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए कि प्राकृतिक खेती क्या होती है और इसमें कौन-कौन सी फसलें आती हैं.
हालांकि, गणेश जोशी अपने जवाब पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि मैंने जो उत्तर दिया है, वह सही है. कोई भी कृषि वैज्ञानिक इससे सहमत होगा.
क्या मंत्री बिना तैयारी के आते हैं?
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है क्या कैबिनेट मंत्री विधानसभा में पूरी तैयारी के साथ नहीं आते? सदन में संतोषजनक उत्तर न दे पाने के कारण अक्सर मंत्री विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के निशाने पर आ जाते हैं. गणेश जोशी के मामले ने यह साबित कर दिया कि सदन में पूरी तैयारी के बिना जाना भारी पड़ सकता है.
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