बजट का भी नहीं मिला साथ, ऑल टाइम लो हुआ रुपया, जानिए देश की इकोनॉमी पर क्या होगा असर?
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बजट का भी नहीं मिला साथ, ऑल टाइम लो हुआ रुपया, जानिए देश की इकोनॉमी पर क्या होगा असर?

Dollar Vs Rupee: डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा व मेक्सिको पर 25 प्रतिशत तथा चीन पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने का असर भारतीय शेयर मार्केट और भारतीय करेंसी पर भी देखने को मिला.

बजट का भी नहीं मिला साथ, ऑल टाइम लो हुआ रुपया, जानिए देश की इकोनॉमी पर क्या होगा असर?

अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में लगातार गिरावट जारी है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया  87 रुपये और 29 पैसे प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह पहली बार है जब रुपया 87 प्रति डॉलर से नीचे आया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा, मेक्सिको और चीन पर शुल्क लगाने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद व्यापक व्यापार युद्ध की आशंका के बीच डॉलर मजबूत होने के कारण रुपये में इतनी भारी गिरावट आई. 

अब रुपये में इतनी गिरावट आई है तो इसका क्या साइडइफेक्ट होगा? आइए इसे समझते हैं-

पहला- हम 85 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करते हैं. रुपया कमजोर होने पर कच्चा तेल इंपोर्ट करना महंगा होगा. इसका असर उन सामानों की कीमत पर होगा जो जिसके बनाने में कच्चे तेल का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे-पेट्रोल-डीजल, पेंट और लुब्रिकेंट.

दूसरा- विदेश से सामान मंगाना होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट, मशीनरी, कैमिकल, प्लास्टिक और प्लास्टिक से जुड़े प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, और आने वाले दिनों ये प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं.

तीसरा- विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को अब ज्यादा पैसा देना होगा, क्योंकि बच्चे के घरवाले रुपये में कमाते हैं लेकिन विदेश में फीस और दूसरे खर्च डॉलर में करना होता है

चौथा- विदेश घूमना महंगा होगा. अब जब आप विदेश जाएंगे तो रुपये के सस्ते से होने से डॉलर खरीदने पर आपको ज्यादा पैसा देना होगा और विदेश घूमना महंगा हो जाएगा.

रुपये में लगातार गिरावट की क्या है वजह?

विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर सूचकांक के 109 के स्तर के ऊपर पहुंचने और डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा व मेक्सिको पर 25 प्रतिशत तथा चीन पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने से व्यापक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के कारण कमजोर वैश्विक बाजारों से भारतीय रुपया दिन के कारोबार में 87.29 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर को छू गया. 

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने इस पर कहा, "हमें घरेलू बाजारों में कमजोर रुख के बीच मजबूत अमेरिकी डॉलर और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण रुपये के नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करने की आशंका है. अमेरिकी प्रशासन के शुल्क को लेकर चिंता से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है."

चौधरी ने कहा कि हालांकि, केंद्रीय बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को समर्थन मिल सकता है. व्यापारी, अमेरिका से आईएसएम मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. इस सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं.

(इनपुट- IANS)

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