SAJ Food Company: जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट लेकर काम-धंधे से दूर हो जाते हैं, उस उम्र में कृष्णदास पॉल ने बिजनेस शुरू ही नहीं किया बल्कि उसे हजारों करोड़ के कारोबार तक पहुंचा दिया. आइए जानते हैं ऐसे ही शख्स की कामयाबी की कहानी को.
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Krishnadas Paul Success Story: कहते हैं कुछ करने या सीखने की कोई उम्र नहीं होती. और अगर कुछ पूरा करने का आपका सपना हो तो फिर कहना है क्या? आमतौर पर लोग 50 साल की उम्र तक पहुंचने पर रिटायर होने का विचार करने लगते हैं लेकिन कृष्णदास पॉल (Krishnadas Paul) की कहानी उन लोगों से एकदम अलग है. कृष्णदास पॉल ने 60 साल की उम्र में अपनी कंपनी एसएजे फूड (SAJ Food) की शुरुआत की. इस कंपनी का नाम उन्होंने अपने बच्चों के नाम के पहले अक्षर शर्मिष्ठा, अर्पण और जयिता को मिलाकर रखा.
साल 2000 में बिस्क फार्म की शुरुआत की
कृष्णदास पॉल की प्लानिंग शुगर फ्री बिस्कुट बनाने की थी. इसके लिए उन्होंने साल 2000 में बिस्क फार्म की शुरुआत की. कंपनी के लिए सफल होना काफी चुनौतिपूर्ण था. शुरुआत के बाद साल 2004 में बिस्क फार्म्स को काफी फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना करना पड़ा. उस समय उन्हें 15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके बाद कृष्णदास पॉल ने अपना फोकस ईस्टर्न इंडिया की तरफ किया. उन्होंने बिस्कुट की सात नई वैरायटी पेश कीं, इनमें से हर एक का लोकल लेवल के हिसाब से अलग स्वाद था. उनका यह रणनीतिक कदम उनके लिए सफलता की कुंजी साबित हुआ.
झारखंड, बिहार और ओडिशा में पसंद किया जाता है प्रोडक्ट
उनके इस प्रयोग के बाद वेस्ट बंगाल, झारखंड, बिहार और ओडिशा में उनके बिस्कुटों को काफी पसंद किया गया. दुर्भाग्य से कृष्णदास पॉल का साल 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान निधन हो गया. उनके इस दुनिया से जाने के बाद उनकी विरासत मजबूत बनी हुई है. उनके बेटे अर्पण पॉल ने एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका संभाली है और अपने पापा के दृष्टिकोण को बनाए रखने और कंपनी का नेतृत्व करने के लिए समर्पित रहे.
साल 2023 में 2100 करोड़ रुपये का टर्नओवर
ईटी में प्रकाशित खबर के अनुसार एसएजे फूड (SAJ Food) ने वित्त वर्ष 2023 का समापन 2100 करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ किया. उनकी इस उपलब्धि ने देशभर में बिस्कुट इंडस्ट्री के एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत कर दिया. कृष्णदास पॉल का जन्म बर्दवान के कमरकिता गांव में हुआ था. एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद वह अपने पिता की बिजनेस और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में शामिल हो गए. इसकी शुरुआत उनके पिता ने 1947 में की थी.
1974 में शुरू किया अपना काम
फैमिली बिजनेस का बंटवारा पांच भाइयों में किया तो कृष्णदास पॉल ने 1974 में अपनी खुद की कंपनी, अपर्णा एजेंसी की स्थापना की. उन्होंने नेस्ले, डाबर और रेकिट एंड कोलमैन के लिए उत्पादों का डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया. इसके बाद साल 2000 में उन्होंने बिस्क फार्म की स्थापना की. बिस्क फार्म अब पांच कारखानों का संचालन करती है और ब्रिटानिया के बाद ईस्ट में दूसरा सबसे बड़ा बिस्कुट ब्रांड है.
कृष्णदास पॉल की कहानी ऐसे सभी लोगों को इंस्पायर करती है, जिन्होंने अभी तक अपना सपना साकार करने का प्रयास शुरू नहीं किया है और सोचते किसी भी काम को करने के लिए बहुत देर हो चुकी है. उनके दृढ़ संकल्प ने दिखाया है कि उम्र कोई मायने नहीं रखती है और सपने को पूरा करने के लिए हमेशा समय होता है.