आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने फैसला लिया है. सरकाक ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रण रखने के लिए अहम कदम उठाया है.
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Wheat Stock: आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने फैसला लिया है. सरकाक ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रण रखने के लिए अहम कदम उठाया है. सरकार ने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण करने वालों के लिए गेहूं भंडारण की सीमा (Wheat Storage Limits) सख्त कर दी है.
केंद्र ने बृहस्पतिवार को कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण करने वालों के लिए गेहूं भंडारण की सीमा सख्त कर दी. सरकार ने साथ ही कहा कि देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है.गेहूं की नयी फसल की कटाई मार्च के अंत से शुरू होती है. सरकार ने कहा कि 31 मार्च तक लागू रहने वाली संशोधित भंडारण सीमा के अनुसार व्यापारी/थोक विक्रेता केवल 250 टन गेहूं रख सकते हैं.
पहले के मानदंड के अनुसार यह सीमा 1,000 टन थी। खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडारण की सामा को पांच टन से घटाकर चार टन कर दिया गया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया गेहूं की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2025 तक लागू गेहूं की भंडारण सीमा को संशोधित करने का फैसला किया है.
बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के संदर्भ में प्रत्येक आउटलेट के लिए भंडारण सीमा चार टन होगी. इसी तरह गेहूं का प्रसंस्करण करने वाले अप्रैल, 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 50 प्रतिशत रख सकते हैं. गेहूं का भंडारण करने वाली सभी इकाइयों को गेहूं भंडार सीमा पोर्टल पर पंजीकरण करना और हर शुक्रवार को भंडार की स्थिति की जानकारी देना जरूरी है. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि वह देश में कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के भंडार की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है. भाषा