रूस-चीन से निपटने के लिए जापान में मौजूदगी बढ़ाएगा अमेरिकी अंतरिक्ष बल, उत्तर कोरिया भी है टारगेट पर

अमेरिकी अंतरिक्ष बल जापान में अपनी यूनिट को मजबूत करने पर काम कर रहा है, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र से आने वाले खतरों का मुकाबला किया जा सके. बढ़ती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच, हिंद-प्रशांत क्षेत्र विभिन्न प्रतिस्पर्धी शक्तियों के लिए अहम क्षेत्र बना हुआ है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 15, 2025, 05:14 PM IST
  • बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम कर रहा है उत्तर कोरिया
  • जापान में इंडो-पैसिफिक के बड़े नेटवर्क के रूप में जरूरत
रूस-चीन से निपटने के लिए जापान में मौजूदगी बढ़ाएगा अमेरिकी अंतरिक्ष बल, उत्तर कोरिया भी है टारगेट पर

नई दिल्लीः अमेरिकी अंतरिक्ष बल जापान में अपनी यूनिट को मजबूत करने पर काम कर रहा है, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र से आने वाले खतरों का मुकाबला किया जा सके. बढ़ती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच, हिंद-प्रशांत क्षेत्र विभिन्न प्रतिस्पर्धी शक्तियों के लिए अहम क्षेत्र बना हुआ है.

बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम कर रहा उत्तर कोरिया

दरअसल चीन और रूस अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित कर रहे हैं और उत्तर कोरिया बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम कर रहा है. ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका कोई चूक नहीं करना चाहता है. अमेरिकी अंतरिक्ष बल के अंतरिक्ष संचालन कमान के वरिष्ठ नेताओं ने इस सप्ताह जापान का दौरा किया था.

इस दौरे का मकसद अमेरिकी अंतरिक्ष बल के कर्मियों से संपर्क करना और बल के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक, जापानी आत्मरक्षा बल (JSDF) के साथ गठबंधन को मजबूत करना था.

जापान में इंडो-पैसिफिक के बड़े नेटवर्क के रूप में जरूरत

अमेरिकी अंतरिक्ष संचालन कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डेविड मिलर ने कहा, 'हालांकि आज कर्मियों की संख्या सीमित है, लेकिन हम अगले एक या दो साल में इसे पूरी तरह से सक्षम प्रणाली में विकसित करने जा रहे हैं, जिसकी हमें जापान में इंडो-पैसिफिक के एक बड़े नेटवर्क के हिस्से के रूप में जरूरत है.'

दशकों से सहयोगी रहे हैं अमेरिका और जापानः मिलर

मिलर ने दोहराया कि अमेरिका और जापान दशकों से सहयोगी रहे हैं और इस मजबूत साझेदारी को और मजबूत बनाने जा रहे हैं. जापान में रहते हुए मिलर और अन्य शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने जेएसडीएफ के अंतरिक्ष संचालन समूह के सदस्यों से मुलाकात की, जो 2022 में फुचू एयर बेस पर सक्रिय हुआ था. उन्होंने यूएस स्पेस फोर्सेज जापान के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की. इसे दिसंबर 2024 में योकोटा एयर बेस पर सक्रिय किया गया था.

नवंबर 2024 में यूएस स्पेस फोर्स और जापानी स्पेस ऑपरेशंस ग्रुप ने 'एक्सरसाइज कीन स्वॉर्ड' में हिस्सा लिया था. बता दें कि बढ़ती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र विभिन्न प्रतिस्पर्धी शक्तियों के लिए प्रभाव का क्षेत्र बना हुआ है.

यह भी पढ़िएः दुनिया के 5 खतरनाक लोग; कोई धोखाधड़ी में माहिर, तो कोई हथियारों का बड़ा तस्कर!

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़