ईरान से बिजली, गंदा पानी... पाकिस्तान में काम न आई चीन की ये चाल, उल्टा पड़ा दांव!

पाकिस्तान का सबसे नया और सबसे महंगा हवाई अड्डा एक रहस्य की तरह है, जहां न तो कोई विमान है और न ही कोई यात्री. चीन की ओर से पूरी तरह से वित्तपोषित 24 करोड़ डॉलर की लागत से बने नए ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में यह बता पाना मुश्किल है कि यह वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए कब खुलेगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 23, 2025, 05:26 PM IST
  • अरबों का निवेश कर रहा चीन
  • बिजली के लिए ईरान पर निर्भर
ईरान से बिजली, गंदा पानी... पाकिस्तान में काम न आई चीन की ये चाल, उल्टा पड़ा दांव!

नई दिल्लीः पाकिस्तान का सबसे नया और सबसे महंगा हवाई अड्डा एक रहस्य की तरह है, जहां न तो कोई विमान है और न ही कोई यात्री. चीन की ओर से पूरी तरह से वित्तपोषित 24 करोड़ डॉलर की लागत से बने नए ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में यह बता पाना मुश्किल है कि यह वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए कब खुलेगा. अक्टूबर 2024 में बनकर तैयार हुआ यह एयरपोर्ट इसके आसपास के गरीब और अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत से बिल्कुल अलग है. 

अरबों का निवेश कर रहा चीन

चीन पिछले एक दशक से 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' या सीपीईसी परियोजना के तहत बलूचिस्तान और ग्वादर में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है. यह परियोजना उसके पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को अरब सागर से जोड़ती है. प्राधिकारियों ने इसे परिवर्तनकारी बताकर इसकी प्रशंसा की है, लेकिन ग्वादर में कोई खास बदलाव नजर नहीं आता.

बिजली के लिए ईरान पर निर्भर

शहर नेशनल ग्रिड से जुड़ा नहीं है, बिजली पड़ोसी ईरान या सौर पैनल से आती है और वहां पर्याप्त स्वच्छ पानी नहीं है. शहर के 90 हजार लोगों के लिए 4 लाख यात्री क्षमता वाला हवाई अड्डा प्राथमिकता नहीं है. पाकिस्तान-चीन संबंधों के विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ अजीम खालिद ने कहा, 'यह एयरपोर्ट पाकिस्तान या ग्वादर के लिए नहीं है. यह चीन के लिए है, ताकि वह अपने नागरिकों को ग्वादर और बलूचिस्तान तक सुरक्षित पहुंच प्रदान कर सके.'

सीपीईसी ने संसाधन संपन्न और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बलूचिस्तान में दशकों से जारी उग्रवाद को बढ़ावा दिया है. अलगाववादी राज्य के शोषण से व्यथित होकर स्वतंत्रता के लिए स्थानीय लोगों की कीमत पर लड़ रहे हैं और प्रांत व अन्य स्थानों पर पाकिस्तानी सैनिकों तथा चीनी श्रमिकों को निशाना बना रहे हैं. 

पाक सरकार पर आरोप लगाते हैं बलूच

पाकिस्तान के जातीय बलूच अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों का कहना है कि सरकार उनके साथ भेदभाव करती है और उन्हें देश में अन्यत्र उपलब्ध अवसरों से वंचित रखा जाता है. हालांकि, सरकार इन आरोपों से इनकार करती है. ग्वादर एक खूबसूरत जगह है, लेकिन ऐसी धारणा है कि यहां जाना खतरनाक या कठिन है. ग्वादर के घरेलू एयरपोर्ट से केवल एक वाणिज्यिक मार्ग पर उड़ान का संचालन किया जाता है. कराची के लिए सप्ताह में तीन बार उड़ान का संचालन किया जाता है. 

ग्वादर निवासी खुदा बख्श हाशिम (76) ने कहा कि वह सीपीईसी को सफल होते देखना चाहते हैं, ताकि स्थानीय लोगों, खासकर युवाओं को रोजगार, उम्मीद और जीवन में कोई उद्देश्य मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सुरक्षा चिंताओं के कारण ग्वादर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के उद्घाटन में देरी हुई और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके चीनी समकक्ष ली कियांग ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसका उद्घाटन किया. 

पहली उड़ान मीडिया और आम लोगों के लिए प्रतिबंधित थी. 'बलूचिस्तान अवामी पार्टी' के जिला अध्यक्ष अब्दुल गफूर होथ ने कहा कि ग्वादर के एक भी निवासी को हवाई अड्डे पर काम करने के लिए नहीं रखा गया, 'यहां तक ​​कि चौकीदार के तौर पर भी नहीं.'

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