PM मोदी के अमेरिका पहुंचते ही, शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति को पाकिस्तान क्यों बुलाया?
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PM मोदी के अमेरिका पहुंचते ही, शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति को पाकिस्तान क्यों बुलाया?

Pakistan On PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंच चुके हैं. उधर पाकिस्तान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन को बुला लिया है. शहबाज शरीफ तुर्की के राष्ट्रपति के साथ हाई लेवल मीटिंग करने वाले हैं, लेकिन सवाल यह है कि अर्दोआन का ये दौरा इस वक्त क्यों?

PM मोदी के अमेरिका पहुंचते ही, शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति को पाकिस्तान क्यों बुलाया?

Pakistan On PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हाई लेवल मीटिंग करेंगे. दोनों नेताओं के इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है. वहीं,  इस बैठक को लेकर भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में काफी जोर-शोर से चर्चाएं हो रही हैं. इतना ही नहीं पाकिस्ता ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन को भी बुला लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचते ही तुर्की के राष्ट्रपति को क्यों बुलाया है? 
  
पीएम नरेंद्र मोदी तका अमेरिका दौरा कई मायनों में अहम हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी महत्वपूर्ण रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई अहम रक्षा सौदों के अलावा स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल और फाइटर जेट इंजन के सह-उत्पादन को लेकर बड़ी डील हो सकती है. साथ ही भारत अमेरिका से माउंटेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम और सैकड़ों स्ट्राइकर व्हीकल्स खरीदने की योजना भी बना रहा है. इन्हीं सौदों को लेकर पाकिस्तान में खलबली मची हुई है और पीएम शहबाज शरीफ तुर्की के राष्ट्रपति के साथ हाई लेवल मीटिंग करने वाले हैं, लेकिन सवाल यह है कि अर्दोआन का ये दौरा इस वक्त क्यों?  और भारत के लिए इसका क्या संदेश है?

क्या है मकसद?
भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी देश हैं, लेकिन वैश्विक राजनीति में दोनों देशों का रुख अलग है. अर्दोआन और शहबाज शरीफ गुरुवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान-तुर्की  हाई लेवल स्ट्रैटेजिक काउंसिल की अध्यक्षता करेंगे. अर्दोआन ने इस दौरे पर अपने सोशल मीडिया  प्लेटफॉर्म X लिखा था,  तुर्की की दिल में पाकिस्तान के लिए खास जगह है. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान से दोस्ती और भाइचारे की बुनियाद मजबूत होगी.' उन्होंने आगे कहा, ' दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए हम यहां के बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे.' 

लेकिन सवाल है कि पाकिस्तान का दौरा अभी क्यों?
हाल के दिनों में तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंध काफी गहरे हुए हैं. हालांकि, ये दौरा द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए है. पाकिस्तान और तुर्की के संबंधों में रक्षा सहयोग का अहम रोल है. रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूपर्तीकर्ता देश है. दोनों देश मिलकर भी रक्षा उत्पादन कर रहे हैं. तुर्की पाकिस्तान को ड्रोन तकनीक मुहैया करा रहा है. अर्दोआन पाकिस्तान तब पहुंचे हैं जब फिलिस्तीनियों के लिए डोनाल्ड ट्रंप की नीत के कारण काफी उठापटक स्थिति बनी हुई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि तुर्की EOU का सदस्य नहीं बन सका. इसलिए उसका रुख मुस्लिम देशों की तरफ ज्यादा रहता है. OIC में पाकिस्तान और तुर्की में अच्छा रिश्ता भी है.  

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