India-Pakistan Buisness relation: पाकिस्तानी मंत्री इशाक डार (Muhammad Ishaq Dar) हो या शहबाज शरीफ की सरकार का कोई और मंत्री जिसे देखो वो किसी न किसी तरह से भारत के साथ बिजनेस शुरू करने की वकालत कर रहा है. आखिर इसके पीछे माजरा क्या है?
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Pakistan-India trade relations: भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने को लेकर पाकिस्तान से लगातार आवाजें उठ रही हैं. एक हफ्ते के अंदर पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और अब पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर बात की है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच (Mumtaz Zahra Baloch) ने कहा कि विदेश कार्यालय भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है.
पाकिस्तान की छटपटाहट की वजह क्या है?
डार ने इस बात का संकेत दिया कि कैश फ्लो यानी नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सारे कारोबारी भारत के साथ व्यापारिक गतिविधियां फिर शुरू करने के इच्छुक हैं. विदेश मंत्री ने शनिवार को दोहराया कि पाकिस्तानी कारोबारी चाहते हैं कि भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू हो.
रिव्यू की बात
भारत के साथ व्यापार पर प्रतिबंधों की समीक्षा में रुचि व्यक्त करने वाले व्यापारिक समुदाय के बारे में डार के एक बयान को याद करते हुए, प्रवक्ता ने कहा, 'ऐसे प्रस्तावों की जांच विदेश मंत्रालय सहित पाकिस्तान सरकार द्वारा समय-समय पर की जाती रहती है.' प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक इस मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
पाकिस्तान के चाहने से क्या होता है?
गौरतलब है कि 24 मार्च को, पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक अहमद डार ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार पर विचार किया जाएगा. लेकिन उनके चाहने से क्या होता है? भारत एकदम स्पष्ट कह चुका है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को फैलाना बंद नहीं करेगा. तब तक कोई बातचीत नहीं होगी. हां इसके इतर सीमा पार से किसी तरह की गुस्ताखी हुई तो मुहंतोड़ जवाब जरूर दिया जाएगा.
अगर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ अपनी शर्तों पर भारत के साथ बिजनेस बहाल करना चाहते हैं तो ऐसा होना संभव नहीं है. ये भी सच है कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने कुछ समय पहले पड़ोसियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा था, 'हमें भारत और अफगानिस्तान के साथ भी अपने संबंधों को बेहतर करना होगा.'