Pakistan News: पाकिस्तानी नौसेना तुर्की और चीन के सहयोग से डिजाइन जिन्ना-क्लास फ्रिगेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. पाकिस्तानी सेना ने इस जंगी जहाज को घातक SMASH एंटी-शिप बैलिस्टिक सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस करने का मंसूबा बनाया है.
Trending Photos
Jinnah class Frigates: पाकिस्तान अपनी नौसेना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. देश जल्द ही अपना पहला ‘घरेलू निर्मित’ जिन्ना-क्लास फ्रिगेट लॉन्च करने की तैयारी में है. पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ ने इस प्रोजेक्ट की पुष्टि की है. पाकिस्तान ने इस जंगी जहाज को घातक SMASH एंटी-शिप बैलिस्टिक सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस करने का मंसूबा बनाया है. इस जंगी जहाज को अत्याधुनिक सेंसर, वेपन सिस्टम और पाकिस्तान द्वारा विकसित SMASH सुपरसोनिक मिसाइल लैस किया जाएगा.
हालांकि, यह जहाज तुर्की के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और SMASH मिसाइल भी चीन से ली गई तकनीक पर आधारित है. बावजूद इसके पाकिस्तान का इसे 'घरेलू निर्मित' बता रहा है.
जिन्ना-क्लास फ्रिगेट की खासियत
यह आधुनिक जंगी जहाज एंटी-सरफेस (जल सतह पर हमला करने), एंटी-सबमरीन (पनडुब्बी रोधी युद्ध), और वायु रक्षा अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है. पाकिस्तान का दावा है कि यह जंगी जहाज नौसेना को मजबूत करेगा और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
SMASH मिसाइल
पाकिस्तान के जिन्ना-क्लास फ्रिगेट में SMASH मिसाइल सिस्टम को शामिल किया गया है, जिसे समुद्री और जमीनी दोनों लक्ष्यों पर हमला करने के लिए विकसित किया गया है. SMASH मिसाइल 350 किलोमीटर से अधिक रेंज और ध्वनि की गति से ढाई गुना तेज और हाई प्रिसीजन स्ट्राइक क्षमता के साथ भारी सुरक्षा वाले ठिकानों पर सटीक निशाना के लिए तैयार किया जा रहा है.
MASH मिसाइल का सफल परीक्षण
पिछले साल नवंबर 2023 में पाकिस्तान ने SMASH मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह मिसाइल चीन की CM-401 एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल (ASBM) का एक रिवाइज्ड वर्जन मानी जा रही है. जिन्ना-क्लास फ्रिगेट कार्यक्रम भी SMASH सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली का एकीकरण है, जो इसकी विशेषता है.
पाकिस्तान का दावा है कि जिन्ना-क्लास फ्रिगेट और SMASH मिसाइल समुद्री सुरक्षा के संतुलन को बदलने वाले हथियार साबित हो सकते हैं. पाकिस्तान की यह नई समुद्री रणनीति हिंद महासागर में भारत के प्रभुत्व को चुनौती देने कि दिशा में देखी जा रही है. इसका मकसद भारत के INS जैसे अत्याधुनिक युद्धपोत और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का मुकाबला करने का भी है.