Gaza History: इजरायल-हमास युद्ध के बीच विस्थापित हुई गाजावासी अब सीजफायर डील के बाद से वापस अपने शहर लौट रहे हैं. वहीं अब ट्रंप का सुझाव आया है कि फिलिस्तीनियों को युद्धग्रस्त क्षेत्र के बाहर स्थायी रूप से बसाया जाए. बारूद का ढेर बना गाजा अब वापस से नए तनाव में घुस सकता है.
Trending Photos
Gaza History : इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में गाजा हमेशा सॉफ्ट टारगेट रहा है. ये शहर हमेशा अपने बुरे हालातों के कारण दुनियाभर में दया का पात्र बनता है. इस शहर में इजरायाली सेना की ओर से इतनी लाशें बिछाई हैं कि इसे बारूद का ढेर कह पाना भी कठिन नहीं होगा. फिलहाल इजरायल-हमास के बीच सीजफायर डील हो चुकी है. गाजा के लोग जैसे-तैसे वापस घर जा रहे हैं, लेकिन इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बयान है. उनका सुझाव है कि फिलिस्तीनियों को युद्धग्रस्त क्षेत्र के बाहर स्थायी रूप से बसाया जाए और अमेरिका को इस जगह का स्वामित्व मिल जाए. ट्रंप का ये सुझाव भूमध्य सागर पर तनाव पैदा कर सकता है. बारूद का ढेर रहे गाजा पट्टी का इतिहास अब तक कुछ ऐसा रहा है.
गाजा पर मिस्र का शासन ( 1948 - 1967)
साल 1948 में इजरायल की स्थापना के आसपास हुए युद्ध से पहले मौजूदा गाजा ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन ( British Colonial Rule) के तहत मिडिल ईस्ट का एक हिस्सा था. इजरायल के अरब देशों को हराने के बाद मिस्र की सेना को इजरायल, मिस्र और मध्य सागर के बीच स्थित जमीन की एक छोटी सी पट्टी के कंट्रोल में छोड़ दिया गया. युद्ध के दौरान लगभग 700,000 फिलिस्तीनी या तो भाग गए या फिर उन्हें इजरायल स्थित अपने घरों से भगा दिया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में फिलिस्तीनी लोग पट्टी की तरफ उमड़ पड़े. ये फिलिस्तीनी शरणार्थी राज्यविहीन, बेघर और फंसे हुए थे. न तो मिस्त्र ने इन्हें अपना नागरिक माना और न ही इजरायल ने इन्हें अपने घर लौटने की अनुमति दी. इनमें से कई लोगों को UNWRA का सपोर्ट मिला. वहीं इनमें से कुछ लोग विद्रोही लड़ाके बन गए.
इजरायल का कब्जा ( 1967 - 1993)
साल 1967 के मध्यपूर्व युद्ध के दौरान इजरायल ने मिस्त्र से गाजा का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया. यहां उसने वेस्ट बैंक और ईस्ट यरुशलम पर भी कब्जा किया. यरूशलम अब इजरायल के कंट्रोल में है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फिलिस्तीनी अथॉरिटी जो फिलिस्तीन के आधे स्वायत्त वाले इलाको में प्रशासन करता है. इन तीनों क्षेत्रों को एक अपेक्षित राज्य बनाना चाहता है. इस अवधि में इजरायल ने गाजा में 20 से ज्यादा यहूदी बस्तियां बसाईं. इस दौरान इजरायल और मिस्त्र के बीच एक शांति समझौता हुआ. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने इसी समझौते के तहत गाजा से फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मिस्र में प्रवेश के लिए मना किया. उन्होंने कहा था कि मिस्त्र में आतंकियों के आने से इजरायल और मिस्र के बीच इस शांति समझौते को खतरा होगा. साल 1987 में पहली बार इजरायली कब्जे के खिलाफ फिलिस्तीनी विद्रोह भड़का. इस दौरान 5 साल से अधिक समय तक लगातार विरोध प्रदर्शन और खूनी हिंसा हुई. इसी दौरान इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास की स्थापना हुई.
फिलिस्तीनी प्राधिकरण कार्यभार संभाला (1993 - 2005)
इस अवधि में कुछ समय के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने कार्यभार संभाला. इससे इजरायली और फिलिस्तीनी नेताओं के बीच बातचीत हुई, जिससे भविष्य में चीजें ठीक होने की उम्मीद लगाई गई. OSLO समझौते के बाद गाजा का कंट्रोल फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपा गया, लेकिन हमास की ओर से लगातार फिलिस्तीनी आत्मघाती हमलों, शांति स्थापना का विरोध करने वाले यहूदी राष्ट्रवादी राबिन बाय की हत्या और बेंजामिन नेतन्याहू के प्रधानमंत्री चुनाव ने इस शांति समझौते में बाधा खड़ी की. साल 2000 के अंत एक और फिलिस्तीनी विद्रोह से यहां शांति पूरे तरीके से खत्म हो चुकी थी. साल 2005 में विद्रोह विफल होने के बाद तत्कालीन इजरायली प्रधान मंत्री एरियल शेरोन ने गाजा से एकतरफा वापसी का नेतृत्व किया. इसके तहत इजरायल के सारे सैनिकों और वहां रह रहे 9000 लोगों को गाजा से हटाया गया. इस घटना ने इजरायल को 2 भागों में विभआजित कर दिया था.
ये भी पढ़ें- महिला ने अपना हाथ काटकर कर दिया अंतिम संस्कार, अब सोशल मीडिया पर जता रहीं धन्यवाद
हमास की बढ़ी ताकत ( 2005-2023)
इजरायल की वापसी के बाद हमास ने लंबे समय से प्रभावी फिलिस्तीनी राजनीतिक दल 'फतह' को हराते हुए संसदीय चुनाव जीता. महीनों तक की इस अंदरूनी लड़ाई के बाद हमास ने हिंसा के जरिए फतह से गाजा का कंट्रोल छीना. इसके बाद इजरायल और मिस्त्र ने इलाके पर नाकाबंदी कर दी, जिससे सामान ले जाने और लोगों के अंदर और बाहर आने-जाने पर नजर रखी जाने लगी. इसके चलते गाजा की अर्थव्यवस्था खराब हुई. वहां बेरजोगारी बढ़ी और क्षेत्र में उग्रवाद को बढ़ावा मिला. इजरायल के साथ छोटी-छोटी झड़प के बीच हमास की शक्ति भी बढ़ती चली गई. हमास के पास हथियार बढ़े. इसने सरकार, पुलिस फोर्स और बॉर्डर टर्मिनल बनाए. इजरायल और हमास के बीच युद्ध की आग साल 7 अक्टूबर साल 2023 में भड़की. इस दौरान हमास के हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए और और लगभग 250 लोगों को बंधक बनाया गया. बदले में इजरायल ने भी 47,000 फिलिस्तीनियों को मार गिराया. इससे गाजा की 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हुई. 19 जनवरी 2025 को इजरायल हमास के बीच सीज फायर डील हुई, जिसके बाद अब गाजावासी वापस अपने शहर लौट रहे हैं.