चाइनीज DeepSeek पर एक और देश की टेढ़ी नजर, ब्लॉक करने की पूरी तैयारी.. अब क्या करेगा ड्रैगन?
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चाइनीज DeepSeek पर एक और देश की टेढ़ी नजर, ब्लॉक करने की पूरी तैयारी.. अब क्या करेगा ड्रैगन?

DeepSeek AI: सरकार को डर है कि यह प्लेटफॉर्म महत्वपूर्ण डेटा लीक कर सकता है. जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इसी के चलते वित्त मंत्रालय और अन्य सरकारी विभाग जल्द ही इस सेवा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं. यह फैसला उन बढ़ती चिंताओं के बाद लिया गया है.

चाइनीज DeepSeek पर एक और देश की टेढ़ी नजर, ब्लॉक करने की पूरी तैयारी.. अब क्या करेगा ड्रैगन?

Chinese AI ban: चीन के एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ने दुनियाभर में धमाल मचा दिया और देखते ही देखते कई AI कंपनियों के तोते उड़ गए. लेकिन जल्द ही कई देशों ने इसे बैन कर दिया. इसी कड़ी में अब  दक्षिण कोरिया ने भी चीनी एआई सेवा DeepSeek को ब्लॉक करने की योजना बना ली है. सरकार को डर है कि यह प्लेटफॉर्म महत्वपूर्ण डेटा लीक कर सकता है. जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इसी के चलते वित्त मंत्रालय और अन्य सरकारी विभाग जल्द ही इस सेवा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं. यह फैसला उन बढ़ती चिंताओं के बाद लिया गया है. जिनमें DeepSeek के जरिए संवेदनशील सूचनाओं के गलत इस्तेमाल की आशंका जताई गई थी.

तकनीकी चिंता जताई जा रही..
दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमारे देश और विदेश में DeepSeek को लेकर कई तरह की तकनीकी चिंताएँ जताई जा रही हैं. इसलिए, हम बाहरी नेटवर्क से जुड़े पीसी पर इसकी सेवा को ब्लॉक करने की योजना बना रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार यह कदम महत्वपूर्ण सरकारी डेटा की सुरक्षा के लिए उठा रही है, जिससे किसी भी संवेदनशील जानकारी का लीक होना रोका जा सके.

डेटा के लीक होने का खतरा
बुधवार को दक्षिण कोरिया के विदेश, व्यापार और रक्षा मंत्रालयों के कंप्यूटरों पर DeepSeek तक पहुंच पहले ही प्रतिबंधित कर दी गई थी. अब एकीकरण मंत्रालय भी इस सेवा को ब्लॉक करने की तैयारी कर रहा है. सरकार का मानना है कि जनरेटिव एआई सेवाओं के माध्यम से डेटा के लीक होने का खतरा बढ़ गया है, इसलिए इस पर सख्त कार्रवाई जरूरी हो गई है.

उधर ने अमेरिका ने खुलासा कर दिया..
इस बीच अमेरिकी सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने DeepSeek को लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है. उनके मुताबिक DeepSeek कुछ यूजर लॉगिन डेटा को एक चीनी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी को भेज रहा है, जिसका संबंध चीनी सरकार से है. यही कारण है कि अमेरिका ने पहले ही इस कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया था. उल्लेखनीय है कि DeepSeek के लॉन्च के कुछ ही घंटों में यह Apple App Store पर सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाला एप बन गया था, जिसने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी.

निगरानी तकनीक पर उठ रहे सवाल
DeepSeek की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. लेकिन इसकी डेटा सुरक्षा और निगरानी तकनीक पर उठ रहे सवालों के कारण कई देश इसे बैन करने पर विचार कर रहे हैं. अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य देश भी इस AI चैटबॉट को बैन करेंगे? और इस बढ़ते विरोध का चीन पर क्या असर पड़ेगा? एजेंसी इनपुट

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