Mars clouds: मजे की बात है कि नासा ने इस घटना का वीडियो भी शेयर किया है. इसमें दिख रहा है कि ये बादल कैसे दिख रहे हैं. नासा ने इसकी क्रोनोलॉजी समझाई है कि आखिर कैसे ये बादल बने हैं और कहां से बनकर आए हैं.
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NASA Curiosity rover: कई बार नासा ऐसा कमाल दिखा देता है कि वह दुनिया भर के अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए कौतूहल बन जाता है. इसी कड़ी में नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने हाल ही में मंगल ग्रह के आकाश में रंगीन बादलों की अनोखी तस्वीरें भेजी हैं जिनमें लाल और हरे रंग की झलक देखी गई है. ये बादल मंगल के वातावरण और जलवायु को समझने में मदद कर सकते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार ये इंद्रधनुषी बादल कार्बन डाइऑक्साइड की बर्फ से बने होते हैं और सूर्य की रोशनी के बिखरने के कारण चमकते हैं.
कैसे दिखे ये अनोखे बादल?
दरअसल खुद नासा ने बताया कि क्यूरियोसिटी रोवर ने 17 जनवरी को अपने मास्टकैम (Mastcam) से ये तस्वीरें लीं. ये बादल मंगल के सोल पर देखे गए. इन्हें नोक्टिल्यूसेंट या ट्वाइलाइट क्लाउड्स कहा जाता है जो सूर्यास्त के समय चमकते हैं. वैज्ञानिकों ने पहली बार 2019 में इन बादलों को दर्ज किया था और यह चौथी बार है जब मंगल के दक्षिणी गोलार्ध में गिरते मौसम में ये देखे गए हैं.
आखिर क्या है मंगल पर बादलों का रहस्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगल ग्रह के बादल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं पानी की बर्फ से बने बादल और उच्च ऊंचाई पर बेहद ठंडे तापमान में बनने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के बादल. ये इंद्रधनुषी बादल लगभग 60 से 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर बनते हैं और धीरे-धीरे वायुमंडल में गिरकर 50 किलोमीटर की ऊंचाई पर वाष्पित हो जाते हैं.
अब तक कहां दिखे ये बादल?
दिलचस्प बात यह है कि कार्बन डाइऑक्साइड के ये रंगीन बादल अब तक मंगल के कुछ ही क्षेत्रों में देखे गए हैं. क्यूरियोसिटी रोवर ने इन्हें गेल क्रेटर के पास देखा, जबकि नासा के अन्य रोवरों पैथफाइंडर और पर्सिवियरेंस ने इन्हें अपने इलाकों में नहीं देखा. वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल के कुछ क्षेत्रों में बनने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगें वायुमंडल को ठंडा कर सकती हैं, जिससे ये बादल बनते हैं.
Cloudgazi clouds drifting across the Martian sky. The iridescent, carbon dioxide ice formations offer clues about Mars' atmosphere and weather: https://t.co/HAp2FDFjhk pic.twitter.com/DEWV477X01
— NASA (@NASA) February 11, 2025
तो अब आगे क्या?
नासा ने बताया कि वैज्ञानिक इन बादलों के निर्माण के पीछे के रहस्यों को समझने के लिए लगातार अध्ययन कर रहे हैं. क्यूरियोसिटी रोवर इस समय मंगल की गेडिज वलिस घाटी की खोज कर रहा है और जल्द ही नए इलाके में जाएगा जहां भूजल से बने अजीब आकार की चट्टानें देखी गई हैं. इन खोजों से मंगल के प्राचीन वातावरण और जीवन की संभावनाओं को समझने में मदद मिल सकती है.