Maha Shivratri 2025: शिवलिंग के साथ कभी नहीं देखा होगा महादेव का त्रिशूल, आखिर क्यों, जानिए इसके पीछे का गहरा रहस्य
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Maha Shivratri 2025: शिवलिंग के साथ कभी नहीं देखा होगा महादेव का त्रिशूल, आखिर क्यों, जानिए इसके पीछे का गहरा रहस्य

Know Shivling fact Mahashivratri 2025: भगवान शिव के कई रूप हैं, शिवलिंग रूप में उन्हें अधिक देखा जाता है लेकिन उनके शस्त्र त्रिशूल को कभी भी शिवलिंग के साथ नहीं देखा जाता है. ऐसे क्यों, आइए इस बारे में विस्तार से जानें.

Mahashivratri 2025 Trishul Fact

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पर्व हर शिवभक्त के लिए विशेष महत्व रखता है. शिव जी को समर्पित इस त्योहार पर भव्य तरीके से शिवलिंग की पूजा की जाती है. इस कड़ी में आज हम शिवलिंग और शिव मंदिर से जुड़ी एक रोचक बात जानेंगे. दरअसल, जब आप शिवालय या शिव मंदिर जाते हैं या घर में शिवलिंग लेकर आते हैं तो एक विचित्र बात आपको जरूर दिखती होगी, वो ये कि आखिर शिवलिंग के साथ या ज्यादातर शिव मंदिरों में त्रिशूल क्यों नहीं होता. 

उर्जा का टकराव
ध्यान दें कि शिवलिंग पर कलश से जल टपकता दिखता है, नागछत्र दिखाई देता है. शिवलिंग के साथ पूरा शिव परिवार यानी माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, अशोकसुंदरी व गणेशजी भी दिखते हैं लेकिन शिव जी का शस्त्र त्रिशूल क्यों शिवलिंग के साथ दिखाई नहीं देता है? आखिर ऐसा क्यों है, आइए इस बारे में विस्तार से जानें.  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रिशूल और शिवलिंग दोनों ही महादेव के प्रतीक हैं लेकिन दोनों की ऊर्जा व महत्व भिन्न हैं. त्रिशूल को विनाश और शक्ति का प्रतीक माना गया है. वहीं, दूसरी ओर सृजन और उर्वरता का प्रतीक शिवलिंग की ऊर्जा त्रिशूल से बिल्कुल अलग है. ऐसे में इन दो भिन्न ऊर्जा का टकराव हो सकता है इसलिए इन दोनों तो एक साथ नहीं रखा जाता है. 

त्रिशूल के तीन शूल क्या दर्शाते हैं? 
शिवलिंग भगवान शिव का निराकार रूप दर्शाता है जो ब्रह्मांड के ऊर्जा और प्रकृति का मेल का प्रतीक है. भगवान शिव के तीन पहलुओं को दिखाने वाला त्रिशूल निर्माता, पालक और विध्वंसक स्वरूप का साक्षात्कार करवाता है. यह महादेव की शक्ति और नियंत्रण के प्रतिनिधि रूप में देखा जाता है. शिवलिंग के साथ त्रिशूल न रखने के पीछे का कारण है कि त्रिशूल को भगवान शिव के भौतिक रूप से जोड़ जाता रहा है लेकिन शिवलिंग भगवान के आध्यात्मिक और निराकार रूप का प्रदर्शन करता है. भगवान शिव की प्रतिमा के साथ अगर त्रिशूल दिखता है तो यह भगवान के तीन प्रमुख गुणों को बताता है-  सत्य, ज्ञान, और वैराग्य जो शिव के पूरे अस्तित्व के प्रतीक के रूप देखा जाता है. वहीं त्रिशूल के तीन शूल तीन प्रमुख पहलुओं को दिखाता है जैसे सृजन यानी ब्रह्मा, पालनकर्ता यानी भगवान विष्णु, संहारक यानी महेश.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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