Garuda Purana ka Gyan: गरुड़ पुराण का हिंदु धर्म में बहुत महत्व है. इसमें जीवन और मरण को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है. इस पुराण में बताया गया है कि मनुष्य की आत्मा किन कर्मों के बाद प्रेत योनि को धारण करता है. वहीं, प्रेत योनि (why human soul enter ghostly) आइए इस बारे में जानें.
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Garuda Purana ka Success Gyan: हिंदू धर्म में 18 महापुराण है जिनमें से एक है गरुड़ पुराण जो काफी प्रसिद्ध है. इस महापुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन पक्षीराज गरुड़ को जीवन और मृत्यु के रहस्यों के बारे में बताते हैं. इस पुराण में बताया गया है कि आखिर किन लोगों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. जीवन और मरण से लेकर व्यक्ति के कर्म और उसके फलों के बारे में जानकारी दी गई है. जिसमें मनुष्य योनि और प्रेत योनि का भी उल्लेख है. इस पुराण में बताया गया है कि मनुष्य की आत्मा क्यों प्रेत योनि में जाती है. गरुड़ पुराण के इस कड़ी में हम जानेंगे कि आखिर मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति की आत्मा भौतिक शरीर से निकलकर प्रेत योनि में कैसे चली जाती है?
गरुड़ पुराण में भूत प्रेतों के विषय कही गई है यह बात
गरुड़ पुराण के अनुसार जब एक आत्मा शरीर का त्याग करती है तो वह भूख, प्यास, क्रोध, द्वेष, काम वासना जैसे भावों से युक्त होती है. अगर किसी की मृत्यु दुर्घटना में होती है, हत्या या आत्महत्या की वजह से होती है यानी जो आत्मा शरीर को असमय या अप्राकृतिक कारणों से त्यागती है, तब वह आत्मा प्रेत योनि में चली जाती है. गरुड़ पुराण में 84 लाख योनियों का उल्लेख है. यह योनियां मानव, पशु, पक्षी, वृक्ष, कीड़े-मकोड़े, सांप जैसे पृथ्वी की सभी योनियां शामिल हैं. जिसमें से किसी एक योनी में मनुष्य के कर्मों के आधार पर जन्म मिलता है.
शांति नहीं मिलती है
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद अशांत आत्मा को प्रेत योनि मिलती है यानी आत्मा की शांति न मिलने पर वह प्रेत योनी में ही भटकी रहती है. ऐसे मेंशास्त्रों में तर्पण और श्राद्ध करने के बारे में बताया गया है ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिल सके. मृत्यु लोक से स्वर्ग लोग या फिर मोक्ष की प्राप्ति कर सकें. अंतिम संस्कार से संबंधित अगर कोई काम अधूरा रह जाए तो उसे पूरा करना चाहिए ताकि आत्मा मुक्त हो सके. अधूरे कर्मों के कारण शांति नहीं मिलती और मृत्यु लोक ही आत्मा अनवरत भटकती रह जाती है. ऐसी स्थिति में कुछ आत्माएं लोगों को परेशान करती हैं तो कुछ बहुत शक्तिशाली आत्मा होती हैं. इन्हें म के रूप में जाना जाता है. आत्माओं की शक्ति का संबंध भी जीवत रहते किए उनके कर्मों पर ही निर्भर करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)