11 शुक्रवार तक कर लें ये काम, लक्ष्‍मी जी देंगी इतनी धन-दौलत, सपने में भी नहीं सोची होगी!
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11 शुक्रवार तक कर लें ये काम, लक्ष्‍मी जी देंगी इतनी धन-दौलत, सपने में भी नहीं सोची होगी!

Vaibhav Laxmi Vrat Vidhi: शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने का दिन होता है. यदि शुक्रवार के दिन व्रत करें और वैभव लक्ष्‍मी की पूजा करें तो अपार धन-वैभव, ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होती है.

11 शुक्रवार तक कर लें ये काम, लक्ष्‍मी जी देंगी इतनी धन-दौलत, सपने में भी नहीं सोची होगी!

Vaibhav Laxmi Vrat Katha: वैभव लक्ष्‍मी व्रत के नाम से ही जाहिर है कि यह व्रत अपार धन-वैभव, ऐश्‍वर्य देने वाला है. वैभव लक्ष्‍मी व्रत शुक्रवार के दिन रखा जाता है. शुक्रवार के दिन धन-वैभव की देवी मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से लक्ष्‍मी जी की विशेष कृपा प्राप्‍त होती है, साथ ही धन-ऐश्‍वर्य के दाता शुक्र ग्रह मेहरबान होते हैं. धर्म-शास्‍त्रों में मां लक्ष्‍मी के कई रूप बताए गए हैं. जैसे- महालक्ष्‍मी, गजलक्ष्‍मी, वैभव लक्ष्‍मी आदि. इसमें धन-वैभव पाने के लिए वैभव लक्ष्‍मी व्रत करना बहुत लाभदायी बताया गया है. यदि शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी व्रत रखा जाए तो घर में हमेशा मां लक्ष्‍मी वास करती हैं. ऐसे घर में कभी धन की कमी नहीं होती है, बल्कि धन बढ़ता ही जाता है.

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वैभव लक्ष्‍मी व्रत करने के नियम

वैभव लक्ष्‍मी व्रत शुरू करने से लेकर उद्यापन तक के लिए नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है तभी वैभव लक्ष्‍मी व्रत करने का फल मिलता है. जानिए वैभव लक्ष्‍मी व्रत करने की विधि और नियम.

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कब से शुरू करें वैभव लक्ष्‍मी व्रत : वैभव लक्ष्‍मी व्रत किसी भी महीने के शुक्‍ल पक्ष के शुक्रवार से शुरू करना शुभ माना जाता है. लेकिन मलमास या खरमास में व्रत की शुरुआत या उद्यापन नहीं करना चाहिए. इससे व्रत का फल नहीं मिलता है.

कम से कम 11 व्रत : वैभव लक्ष्‍मी व्रत कम से कम 11 करना चाहिए. वहीं 21 व्रत करना बेहद शुभ माना जाता है. कोशिश करें कि जितने व्रत का संकल्‍प लिया है उससे 1-2 व्रत ज्‍यादा ही रखें और फिर उद्यापन करें. ताकि जाने-अनजाने में कोई व्रत खंडित हो गया हो, तो उसकी भरपाई हो जाए.

 

वैभव लक्ष्‍मी व्रत में क्‍या खाएं: वैभव लक्ष्‍मी व्रत में वैसे तो केवल फलाहार ही करना चाहिए. लेकिन कुछ लोग एक समय भोजन करके भी यह व्रत करते हैं. ध्‍यान रहे कि वैभव लक्ष्‍मी व्रत के दिन सात्विक चीजें ही खाएं. घर में ना तो तामसिक भोजन बनाएं और ना लाएं. साथ ही वैभव लक्ष्‍मी व्रत में खट्टी चीजों का सेवन वर्जित होता है.

वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि

मां वैभव लक्ष्मी व्रत रखने के लिए शुक्रवार की सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें. पूजा घर साफ करके दीपक जलाएं और भगवान के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्‍प लें. फिर शाम को शुभ मुहूर्त में वैभव लक्ष्‍मी की पूजा करें. इसके लिए उत्‍तर या पूर्व दिशा में किसी जगह को गंगाजल डालकर शुद्ध करें. फिर लकड़ी की चौकी पर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें. चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें. साथ में श्रीयंत्र स्थापित करना भी बहुत शुभ रहेगा. इसके बाद मां वैभव लक्ष्मी के सामने अक्षत रखें और इसके ऊपर जल से भरे कलश की स्थापना करें. फिर कलश के ऊपर कटोरी रखकर उसमें एक चांदी का सिक्का या आभूषण रखें. इसके बाद पूजा शुरू करें. पूजा में मां वैभव लक्ष्मी को सिंदूर, रोली, मौली, लाल फूल, फल चढ़ाएं. वैभव लक्ष्‍मी माता के खीर का भोग लगाएं या दूध से बनी किसी मिठाई का भोग लगाएं. आखिर में वैभव लक्ष्‍मी व्रत कथा जरूर पढ़ें, इसके बाद आरती करें.

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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