Psychological Horror Thriller Ban Movie: ऐसी कई फिल्में होती हैं, जिनको किसी न किसी वजह से कई देशों में बैन कर दिया जाता है. आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको 1 या 2 नहीं बल्कि 150 देशों में बैन किया गया था. इस फिल्म की खूब आलोचना हुई थी. लोगों ने इसका खूब विरोध किया था. बावजूद इसके इस फिल्म ने अपने बजट के कई गुना ज्यादा कमाई की थी. चलिए बताते हैं इस फिल्म के बारे में.
ऐसी कई फिल्में हैं, जिनको अस्कर किसी ने किसी वजह से विवादों का सामना करना पड़ता या और कभी-कभी तो उनको बैन करने की मांग तक उठने लगती है. इसके अलावा भी कई फिल्में ऐसी भी, जिनको अलग-अलग देशों में बैन कर दिया गया है. आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको 1 या 2 नहीं बल्कि 150 देशों ने उसकी कहानी, फिल्म में दिखाए जाने वाले सीन्स और कई विवादों बातों को लेकर बैन कर दिया था.
1975 में आई इस इटैलियन फिल्म को अब तक की सबसे विवादित फिल्मों में से एक माना जाता है. इस फिल्म का नाम 'सालो, या सोडोम के 120 दिन' (Salò, or the 120 Days of Sodom) था. ये एक पॉलिटिकल आर्ट हॉरर फिल्म है, जिसका निर्देशन पियर पाओलो पासोलिनी ने किया था. ये फिल्म मार्क्विस डी साडे के 1785 के नोवल 'द 120 डेज़ ऑफ सोडोम' पर आधारित है, लेकिन इसकी कहानी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सेट की गई है. ये पासोलिनी की आखिरी फिल्म थी और इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ था.
फिल्म में कुछ बच्चों का अपहरण कर लिया जाता है और उन्हें नाजियों की कठपुतली बना दिया जाता है. फिल्म में अपहरण किए गए बच्चों के साथ रेप, हत्या और कई भयानक यातनाओं को दिखाया गया, जिनमें ऐनल रेप जैसी गंदी हरकतें भी शामिल थीं. ये फिल्म ऑस्ट्रेलिया में 1993 तक बैन रही, फिर 1998 में दोबारा बैन कर दी गई. खास बात ये थी कि फिल्म के निर्देशक पियर पाओलो पासोलिनी अपनी फिल्म का बचाव भी नहीं कर सके, क्योंकि रिलीज के तुरंत बाद ही उनकी निर्मम हत्या कर दी गई थी.
फिल्म अपने विवादास्पद विषय के साथ-साथ बोल्ड-एब्यूसिव सीन्स को लेकर दुनियाभर में विवादों का विषय बन गई थी. कहानी चार अमीर और भ्रष्ट लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो 18 किशोरों का अपहरण कर उन्हें चार महीने तक शारीरिक, मानसिक और इमोशनली यातना देते हैं. फिल्म में पाओलो बोनाचेली, जियोर्जियो काताल्दी, उबर्टो पाओलो क्विंटावाले और एल्डो वल्लेटी जैसे कलाकार नजर आए थे. इसके अलावा, कैटरिना बोराटो, एल्सा डी जियोर्गी, हेलेन सर्जेर और सोनिया सवियांग ने भी अहम किरदार निभाए थे.
फिल्म में दिखाए गए हिंसक सीनों और अमानवीय यातनाओं के चलते ही इसको कई देशों में बैन कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फिल्म का बजट लगभग 6 लाख डॉलर (5.20 करोड़ रुपये) था. वैसे तो बैन के चलते इसकी कमाई के सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कई रिपोट्स ये दावा करती हैं कि फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसने लगभग 1.8 मिलियन डॉलर (15.60 करोड़ रुपये) की कमाई की थी. आज भी ये फिल्म सिनेमा के इतिहास में सबसे विवाद फिल्मों में से एक मानी जाती है.
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