Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रदेश का पहला सरकारी स्कूल बन गया है, जहां एआई क्लासरूम (AI Classroom) खोल गया है. इस क्लासरूम के खुलने से बच्चे बेहद खुश हैं. वहीं, स्कूल के शिक्षक की प्रदेश भर में तारीफ हो रही है.
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आशीष द्विवेदी/हरदोई: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक अच्छी खबर सामने आई है. यहां स्थित एक प्राथमिक विद्यालय यूपी का पहला सरकारी स्कूल बन गया है, जहां आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्लासरूम खोला गया है. अब इस सरकारी स्कूल में भी बच्चों को आधुनिक तकनीक से पढ़ाया जाएगा. बता दें स्कूल के शिक्षक शिवेंद्र सिंह की वजह से यह मुमकिन हो पाया है. वह लंबे समय से विद्यालय में बच्चों को पढ़ान के लिए एआई क्लासरूम खोलने का प्रयास कर रहे थे. इस क्लासरूम से खुलने स्कूल के बच्चों में भी खुशी दिखाई दे रही है.
सीएम योगी भी कर चुके हैं शिक्षक की तारीफ
शिक्षक शिवेंद्र सिंह के इस प्रयास की अभिभावक ही नहीं महकमे के अफसर भी जमकर तारीफ कर रहे हैं. अफसर की मानें तो इस तरह के प्रयास से शहरी क्षेत्र में शिक्षकों की कमी से होने वाली दिक्कतों से निपटा जा सकेगा. शिक्षक शिवेंद्र सिंह बघेल इससे पहले चर्चा में तब आए थे जब चंदौली में विदाई के समय बच्चे फफक कर रो पड़े थे. इसके कुछ दिन बाद एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शिवेंद्र सिंह बघेल की तारीफ की थी.
यहां पर स्थित है स्कूल
जानकारी के मुताबिक टोडरपुर ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय फैजुल्लापुर में एआई क्लासरूम खोला गया है. यह प्रदेश का पहला एआई क्लासरूम वाला स्कूल बन गया है. इस क्लासरूम का उद्घाटन खंड शिक्षा अधिकारी प्रभाष कुमार श्रीवास्तव ने किया. बच्चों ने स्मृति चिन्ह देकर और शिक्षकों ने पटका पहनाकर बीईओ का स्वागत किया. कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ. बीईओ ने स्कूल का दौरा किया और एआई के जरिए पढ़ाई करते हुए भी देखा. इस दौरान बीईओ ने स्कूल में पौधारोपण भी किया.
इस दौरान बीईओ प्रभाष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि इस तरह का क्लासरूम हमारे ब्लॉक में शुरू हो रहा है. इससे बच्चे न सिर्फ नया सीखेंगे बल्कि बदलाव की स्थिति भी आएगी. साथ ही स्कूलों में नामांकन के साथ ही ठहराव भी बढ़ेगा. यह सिर्फ यहां तक ही सीमित न रहे. इसका लाभ प्रदेश के अन्य शिक्षक भी ले सकें इसके लिए कार्यशाला का भी आयोजन करने पर विचार किया जाएगा. वही, शिक्षक शिवेंद्र सिंह ने कहा कि आज उनका इस जनपद में आने के बाद का सपना पूरा हुआ है. बच्चे अब धीरे धीरे ही सही एडवांस होते जाएंगे. इस क्लासरूम को उन्होंने जनसहयोग और अपने पैसे लगाकर तैयार किया है. बच्चे प्रदेश स्तर पर अपना नाम रोशन करें यही उनका सपना है.
बच्चों के घर जाकर अभिभावकों को समझाया
शिवेंद्र सिंह बघेल बताते हैं कि 2022 में उन्होंने जब विद्यालय ज्वाइन किया था तो स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चे कम थे. अभिभावकों का रुझान भी निजी स्कूलों की तरफ था. गांव के कुछ बच्चों का अभिभावकों ने निजी स्कूलों में ही दाखिला कराया गया था लेकिन उन्होंने अपने विद्यालय के अध्यापकों के साथ बच्चों के घर जाकर उनके माता-पिता को समझाया और उनसे बच्चों का दाखिला स्कूल में कराने के लिए कहा. इसके बाद बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई. पहले उन्होंने नवाचार और खेल के जरिए बच्चों को पढ़ाया, जिससे बच्चों को समझ में भी आया और उन्हें पढ़ाई में भी अच्छा लगने लगा.
अब AI तकनीक के जरिए उन्होंने बच्चों को पढ़ने का तरीका इसलिए खोजा ताकि कार्टून के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा सके. बच्चों को कार्टून अधिक पसंद होते हैं. ऐसे में कार्टून के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाएगा तो उनके मन मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा और उनकी समझ में भी आएगा. यही वजह थी कि AI तकनीक के जरिए उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. अब बच्चे रेगुलर यहां पर आते हैं और कार्टून वाले गुरुजी की क्लास जरूर अटेंड करते हैं. शिक्षक का कहना है कि इस तकनीक के जरिए एकल विद्यालयों को काफी फायदा होगा और शिक्षक बेहतर तरीके से बच्चों को शिक्षित कर सकेंगे और बच्चे भी बेहतर शिक्षा हासिल कर करेंगे.
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