यूपी में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ!, हाईकोर्ट के रुख के बाद सरकार आंकड़े करेगी तैयार
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यूपी में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ!, हाईकोर्ट के रुख के बाद सरकार आंकड़े करेगी तैयार

UP News: उत्‍तर प्रदेश के प्राथमिक स्‍कूलों में शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है. खाली पड़े पदों को लेकर एक बार फ‍िर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफसरों को कड़े निर्देश दिए हैं. 

सांकेतिक तस्‍वीर

UP News: यूपी के प्राथमिक स्‍कूलों में टीचरों के खाली पड़े पदों को लेकर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है.  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि 6 साल से 14 साल के बच्‍चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करना सरकार का दायित्व है. हाईकोर्ट ने कहा यह तभी संभव हो जब प्राथमिक स्‍कूलों में टीचरों की नियुक्ति हो, लेकिन यूपी के प्राथमिक स्‍कूलों में भारी संख्‍या में शिक्षकों के पद खाली हैं. हाई कोर्ट ने अपर सचिव बेसिक शिक्षा उत्‍तर प्रदेश को नोटिस जारी कर पूछा है कि बच्‍चों को शिक्षा के मूल अधिकारों का हनन करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई क्‍यों न की जाए. 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर सचिव को भेजा नोटिस 
दरअसल, कृषि औद्योगिक विद्यालय की प्रबंध समिति की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इसमें समिति की ओर से कहा गया, एक समय था जब स्‍वीकृत एक प्रधानाध्‍यापक व चार सहायक अध्‍यापक कार्यरत रहते थे. 15 नवंबर 2022 को शिक्षक भर्ती का रिजल्‍ट घोषित किया गया. हाईकोर्ट ने शिक्षक परिणाम पर रोक लगा दी. हालांकि, 15 फरवरी 2024 को वह याचिका भी खारिज हो गई. एक साल बीत जाने के बाद भी खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं की गई. 

'अनुच्‍छेद 21 ए का उल्‍लंघन किया जा रहा'
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्‍यायमूर्ति प्रकाश पाड़‍िया ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 21 ए के तहत प्राथमिक शिक्षा बच्‍चों का मूल अधिकार है. साथ ही सरकार का दायित्‍व है कि बच्‍चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान कराए. यह तभी संभव है जब खाली पड़े पदों पर नियुक्ति हों, लेकिन प्रदेश में भारी संख्‍या में अध्‍यापकों के पद खाली पड़े हैं, ऐसे में अनुच्‍छेद 21 ए का उल्‍लंघन किया जा रहा है. 

कोर्ट के कड़े रुख से भर्ती का रास्‍ता खुल सकता है 
इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से अपर सचिव बेसिक शिक्षा को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. इलाबाद हाईकोर्ट के कड़े रुख से माना जा रहा है कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में खाली पड़े पदों को भरने का रास्‍ता साफ हो सकता है. प्रदेश के प्राथमिक स्‍कूलों में बड़ी संख्‍या में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. लंबे समय से शिक्षकों को भरने की मांग भी की जा रही है. 

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