Rahul Gandhi Visit Raebareli: उत्तरप्रदेश के रायबेरली में राहुल गांधी दो दिन के दौरे पर थे. वे कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिए और साथ ही दलित छात्रों से संवाद भी किया. इस दौरान मायावती को लेकर बड़ा बयान दिया है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
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Rahul Gandhi Statement on Mayawati \Syed husain akhtar: रायबरेली से सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को रायबरेली पहुंचे थे. राहुल गांधी शुक्रवार को दलित छात्रों से संवाद किया और कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी. ये दावा किया कि पूरी व्यवस्था दलितों के खिलाफ काम कर रही है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकना चाहती है.
मायावती को लेकर राहुल गांधी का बड़ा बयान
दलितों की राजनीति पर बात करते हुए राहुल गांधी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि मायावती आज तक कोई चुनाव ठीक से क्यों नहीं लड़ीं? हम चाहते थे कि वे बीजेपी के खिलाफ हमारे साथ चुनाव लड़ें. अगर तीनों पार्टियां (कांग्रेस, सपा, बसपा) एक साथ आ जातीं, तो बीजेपी कभी चुनाव नहीं जीत पाती.
राहुल गांधी ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बीजेपी की "बी टीम" की तरह काम कर रही हैं.
संविधान और दलितों के योगदान की चर्चा
राहुल गांधी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पूरी राजनीतिक व्यवस्था को हिलाकर रख दिया था. उन्होंने देश की 500 बड़ी निजी कंपनियों का उदाहरण देते हुए युवाओं से पूछा कि बताइए, उनमें से कितनी कंपनियों के प्रमुख दलित हैं?
रोजगार पर राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या पर भी अपनी बात रखी. इस दौरान बताया कि जब उन्होंने 100 युवाओं से पूछा कि कितने लोगों को नौकरी मिलेगी, तो सिर्फ एक ने हाथ उठाया, बाकी 99 ने नहीं. उन्होंने कहा कि आज के उत्तर प्रदेश और भारत में नौकरियों की हालत चिंताजनक है.
कौन थे जांबाज वीरा पासी
वीरा पासी उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पासी समाज के एक बहादुर और वीर नायक थे. उनका जन्म 11 नवंबर 1835 को रायबरेली जिले में हुआ था. वीरा पासी बचपन से ही बहुत बहादुर थे. जब वह केवल 18 वर्ष के थे. वह बिथार के शासक राणा रण सिंह की सेना में शामिल हो गए थे उन्होंने अंग्रेजों और भारत के अन्य दुश्मनों के खिलाफ कई लड़ाईयों में बहादुरी से लड़ाई लड़ी है. वह अपने साहस और देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध हुए है. वीरा पासी का असली नाम शिवदीन पासी था.
कई आंदोलनों में हुए शामिल
वीरता के कारण उन्हें वीरा पासी नाम मिला. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वीरा पासी का योगदान अतुलनीय है. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई आंदोलनों और अभियानों में भाग लिया, जैसे 1857 का विद्रोह, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय सेना और महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलनों में शामिल हुए है उन्होंने अपने साहस और बलिदान से कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी प्रेरित किया है.
वीरा पासी जयंती
वीरा पासी का 11 नवंबर 1926 को 81 साल की आयु में निधन हो गया उनकी पुण्य तिथि को हर साल रायबरेली में वीरवर वीर पासी जयंती के रूप में मनाया जाता है. उनके सम्मान में कई मूर्तियों, स्मारकों, स्कूलों, कॉलेजों, सड़कों और स्थानों के नाम उनके नाम पर रखे गए हैं.
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