Smallest Masjid: उत्तर प्रदेश की सबसे छोटी मस्जिद अलीगढ़ में स्थित है. यह मस्जिद वास्तव में एक अद्वितीय और आकर्षक स्थल है, जो अपनी छोटी आकृति और सुंदर वास्तुकला के लिए जानी जाती है.यूपी के इस शहर में एशिया की इकलौती ऐसी मस्जिद है, जिसकी बनावट काफी छोटी है. लेकिन फिर भी यह गुम्बद के साथ 105 मीनारों को अपने अंदर समेटे हुए है.
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Asia Smallest Masjid: सर्वधर्म समभाव वाले भारत देश में कई प्रचान मंदिरों के साथ-साथ बहुत सी खास मस्जिदें भी हैं. अलीगढ़ की जामा मस्जिद वो है जिसमें सबसे ज्यादा सोना जड़ा हुआ है. साथ ही यहां पर एक छोटी मस्जिद भी है जो हर तरफ से एक सी दिखाई देती है. अलीगढ़ के अनोना हाउस में सबसे छोटी मस्जिद है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि छोटी होने के बाद भी इसमें गुंबद के साथ 105 मीनारों को अपने अंदर समेटे हुए है.
अलीगढ़ में एशिया की सबसे छोटी मस्जिद
दरअसल इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मस्जिद में तकरीबन 105 मीनारें हैं. इन मीनारों की कलाकृति के कारण ही ये मस्जिद एशिया भर में अनोखी पहचान रखती है. एशिया की यह इकलौती ऐसी मस्जिद है, जिसकी बनावट काफी छोटी है, लेकिन फिर भी यह गुम्बद के साथ 105 मीनारों को अपने अंदर समेटे हुए है. इसकी बनावट और मीनारों की खासियत के कारण ही इससे जुड़ा एक सवाल चर्चित टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में पूछा गया था.
तहखाने में पढ़ी जाती है नमाज
इतना ही नहीं इसमें एक तहखाना भी है, जिसमें नमाज पढ़ी जाती है. अनोना हाउस की ये मस्जिद अलीगढ़ पुलिस लाइन के करीब और सिविल कोर्ट के पीछे बनी हुई है. मस्जिद इसलिए भी ओनोखी है क्योंकि इसे किसी एंगल से देखें इसकी डिजाइन हर तरफ से एक सा ही नजर आता है. बताया जाता है कि पुराने समय में इस तहखाने को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि भीषण गर्मी में भी अगर इस तहखाने मे नमाज पढ़ी जाए तो इस तहखाने में एसी जैसी ठंडक का एहसास होता है. अगर सर्दी मे नमाज़ पढ़ी जाये तो इसमें गर्माहट का एहसास होता है. इस तहखाने को बनाने मे पुराने समय की टेक्नोलॉजी का खास इस्तेमाल किया गया है.
करीब 100 साल पुराना इतिहास
इस मस्जिद को मुविद अली खान की परदादी ने करीब 100 साल पहले बनवाया था. इस मस्जिद में लगे पत्थरों पर अरबी भाषा का प्रयोग किया गया है. जबकि मस्जिद की तामीर 1345 हिजरी में रफी-उन-निशा ने कराई थी. करीब 100 साल पुरानी इस मस्जिद में 300 लोग नमाज अदा करते हैं. अलीगढ़ की इस अनोना हाउस की ये मस्जिद अलीगढ़ पुलिस लाइन के करीब और सिविल कोर्ट के पीछे बनी हुई है.
अलीगढ़ में एशिया की सबसे महंगी मस्जिद
यूपी के अलीगढ़ की जामा मस्जिद एशिया की सबसे महंगी है.इस मस्जिद में लगभग 5 से 6 क्विंटल सोना लगा. 17 गुंबदों को ठोस सोने से बनाया गया है. जबकि ताजमहल में केवल सोने की परत चढ़ाई गई है. इस मस्जिद में महिलाओं के अलग से नमाज अदा करने की जगह बनी हुई है.साथ ही यह मस्जिद शहर की सबसे ऊंची जगह पर बनी हुई है. यानी ये मस्जिद बाढ़ या बारिश में कभी नहीं डूब सकती.
किसने कराया था मस्जिद का निर्माण
अलीगढ़ की जामा मस्जिद कोल के गवर्नर साबित खान जंगे बहादुर ने बनवाया था. इसका निर्माण 1724 में शुरू हुआ था और 1728 में बनकर तैयार हुई थी. यह अलीगढ़ की सबसे पुरानी और भव्य मस्जिदों में से एक है. इस मस्जिद में 1857 की क्रांति के 73 शहीदों की कब्रें हैं. इस मस्जिद के गेट और चारों कोनों पर छोटी-छोटी मीनारें हैं और इस मस्जिद में एक साथ 5,000 लोग नमाज़ पढ़ सकते हैं. ऐसा भी कहा जाता है जामा मस्जिद का निर्माण ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर ईरान के अबू ईसा अंफादी के पोते ने निर्माण किया था. डिस्क्लेमर लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.