Rajasthan News: सारथियों के भरोसे रोडवेज! बसों से अधिक खुद के परिचालक, फिर भी..
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Rajasthan News: सारथियों के भरोसे रोडवेज! बसों से अधिक खुद के परिचालक, फिर भी..

Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज में बढ़ते घाटे को लेकर इन दिनों प्रशासन भले ही चिंतित हो, लेकिन रोडवेज की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास बहुत कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. रोडवेज प्रशासन एक तरफ अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ा रहा है, वहीं खुद के परिचालकों के बजाय बस सारथी लगाए जा रहे हैं. यह रिपोर्ट पढ़िए-

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Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज की आर्थिक स्थिति खराब होने को लेकर इन दिनों 2 फैक्टर सामने आ रहे हैं. रोडवेज से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो लगातार अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ने के चलते रोडवेज प्रशासन को घाटा उठाना पड़ रहा है. इससे आम जनता को बसें तो मिल पा रही हैं, लेकिन रोडवेज की आर्थिक हालत खस्ता होती जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बस सारथियों की बढ़ती संख्या भी घाटे को बढ़ा रही है, क्योंकि ज्यादातर बेटिकट यात्रा के प्रकरणों में बस सारथी शामिल पाए गए हैं. 

राजस्थान रोडवेज के पास वर्तमान में बसों से अधिक परिचालक हैं. फिर भी बस सारथियों को बसों में परिचालक लगा रखा है. ये बस सारथी बिना टिकट लोगों को यात्रा कराते हैं. इससे रोडवेज की छवि धूमिल होने के साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. कुछ माह पूर्व रोडवेज प्रशासन ने 289 ब्लैक लिस्ट बस सारथियों को बहाल कर पुनः लगा दिया है. रोडवेज के पास वर्तमान में अनुबंधित सहित 3000 बसें हैं और करीब 3754 खुद के परिचालक हैं. इसके बाद भी रोडवेज प्रशासन 1500 बस सारथियों से परिचालक का काम करवा रहा है.

रोडवेज में वास्तविक हालात क्या ?
- रोडवेज प्रशासन के पास खुद के परिचालक- 3754
- विभिन्न विभागों में डेपुटेशन पर गए हुए हैं 50 परिचालक
- रोडवेज में परिचालकों के कुल स्वीकृत पद हैं 7017
- इस तरह वर्तमान में परिचालक के खाली पद 3263
- जेसीटीएसएल से डेपुटेशन पर आए हुए 2 परिचालक
- करीब 1500 बस सारथी भी अनुबंध पर कार्य कर रहे

यदि रोडवेज प्रशासन कार्यालयों व नॉन ऑपरेटिंग डिपो में लगे परिचालकों की रोडवेज बसों में ड्यूटी लगाए तो रोडवेज के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं कई डिपो में तो परिचालक फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र देकर ऑफिसों में कार्य कर रहे हैं. इनकी भी जांच होनी चाहिए. रोडवेज चेयरमैन शुभ्रा सिंह व एमडी पुरुषोत्तम शर्मा के निर्देश पर पिछले दिनों प्रदेशभर में आकस्मिक चेकिंग अभियान चलाया गया था. इस दौरान बिना टिकट यात्रा कराते पकड़े गए परिचालकों में अधिकतर बस सारथी शामिल थे. कई जगह तो चेकिंग में आधे यात्री बिना टिकट मिले थे. इसके बाद बस सारथियों को ब्लैक लिस्टेट किया था. इन्हें अब पुनः बहाल कर दिया गया है. 

परिचालकों की कमी को देखते हुए जिन डिपो में अधिक परिचालक हैं और नॉन ऑपरेटिंग डिपो में लगे परिचालकों को हटाने के लिए मुख्य प्रबंधकों से सूची मांगी जा रही है. वहीं मुख्यालय में परिचालकों के पद ही नहीं है, इसके बावजूद भी यहां परिचालक लंबे समय से लगे हुए हैं. कुल मिलाकर यदि रोडवेज प्रशासन परिचालकों का रेशनलाइजेशन करे तो इतनी अधिक संख्या में बस सारथी लगाने की जरूरत ही नहीं रहेगी, जिससे न केवल रोडवेज में चोरियां रुकेंगी, साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकेगी.

रिपोर्टर- काशीराम चौधरी

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