Rajasthan News: राजस्थान के दौसा जिल में लालसोट के डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में शुक्रवार को एक बार फिर नया मोड़ आया है. राजस्थान हाईकोर्ट से खंडार से भाजपा विधायक जितेंद्र गोठवाल को बड़ी राहत मिली है.
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Rajasthan News: राजस्थान के दौसा जिल में लालसोट के डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में शुक्रवार को एक बार फिर नया मोड़ आया है. राजस्थान हाईकोर्ट से खंडार से भाजपा विधायक जितेंद्र गोठवाल को बड़ी राहत मिली है. दौसा जिले के लालसोट में डॉ. अर्चना शर्मा हत्याकांड से जुड़े मामले में उनके खिलाफ जारी जांच आदेश को निरस्त कर दिया गया है.
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हाईकोर्ट की एकलपीठ जस्टिस गणेशराम मीणा ने यह स्पष्ट किया कि अग्रिम अनुसंधान में विधायक जितेंद्र गोठवाल पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं, उनकी किसी भी प्रकार की संलिप्तता नहीं पाई गई. इसी आधार पर कोर्ट ने एडीजे कोर्ट लालसोट के चार्ज आदेश को रद्द कर दिया.
मामले में याचिकाकर्ता जितेंद्र गोठवाल की ओर से एडवोकेट हेमंत निहटा ने पैरवी की. इससे पहले गोठवाल ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की थी, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें यह राहत मिली है.
ये था पूरा मामला
जब लालसोट स्थित आनंद अस्पताल में एक प्रसूता की मौत के बाद खूब हंगामा हुआ था. पुलिस ने डॉक्टर दंपत्ति के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, जिसके बाद डॉ. अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी. डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस मार्च 2022 में चर्चा में आया था.
इस घटना के बाद राजस्थान में डॉक्टर समुदाय में भारी आक्रोश देखने को मिला था. 29 मार्च को डॉक्टर अर्चना शर्मा ने सुसाइड किया था. इस मामले में बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल सहित कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे. वहीं जितेंद्र गोठवाल 53 दिन तक जेल में भी रहे थे
मई 2022 में मिली थी जमानत
इससे पहले साल 2022 में मई में राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायक जितेंद्र गोठवाल सहित 6 आरोपियों को जमानत दी थी. अधिवक्ताओं ने दलील दी थी कि मामले में धारा 306 लागू नहीं होती है. क्योंकि किसी घटना के खिलाफ धरना और प्रदर्शन करना आत्महत्या के लिए मजबूर करने का कारण नहीं हो सकता है. सुसाइड नोट में भी किसी का नाम नहीं था.
53 दिन जेल में बिता चुके हैं विधायक जितेंद्र गोठवाल
गौरतलब है कि इस मामले में विधायक जितेंद्र गोठवाल 53 दिन जेल में भी रहे थे. हाईकोर्ट के आदेश के बाद विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की प्रतिशोध की राजनीति के कारण उन्हें फंसाया गया था. उन्होंने पिछले 3 वर्षों में अन्याय के खिलाफ कई धरने दिए हैं और सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती थी.