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Sardarshahar By-Election : सरदारशहर विधानसभा सीट पर आगामी 5 दिसंबर को होने जा रहे उपचुनाव में दावेदारी प्रस्तुत करने के बावजूद प्रमुख राजनीतिक पार्टियों द्वारा जाट समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिये जाने पर जाट समाज में आक्रोश देखा जा रहा है और मंगलवार को भाजपा पार्टी द्वारा अशोक पिंचा को टिकट देने के बाद स्थानीय जाट विकास परिषद भवन में जाट नेताओं द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. मंगलवार को 12 बजे से 5 बजे तक चली इस बैठक में भाजपा, कांग्रेस और आरएलप सहित तमाम पार्टियों के जाट नेता उपस्थित रहे. लगातार जाट नेताओं द्वारा टिकट की मांग किए जाने के बाद भी टिकट नहीं देने पर बड़ी संख्या में उपस्थित समाज के सभी लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया.
जाट समाज के अध्यक्ष डीसी सारण ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक जाटों की जनसंख्या होने के बावजूद जाट समाज के किसी व्यक्ति को प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर समाज ने व्यापक रूप से आक्रोश व्यक्त करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की है. सभी वक्ताओं ने कहा कि इस निर्णय से पूरा समाज आहत है. सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में रतनगढ़ तहसील की 11 पंचायतों के जाट समाज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. उपचुनाव में समाज द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदमों के बारे में 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है जो बुधवार शाम तक अपना निर्णय बताएगी. कमेटी में रतनगढ़ तहसील के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है. मीटिंग में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर व्यापक विचार विमर्श करने के बाद सौहार्दपूर्ण माहौल में मीटिंग का समापन हुआ. उपस्थित समाज के सभी लोगों ने कमेटी पर निर्णय छोड़ते हुए कहा कि कमेटी जो भी निर्णय करेगी, समाज उसकी अनुपालन करेगा.
वही आपको बता दें कि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जाट समाज इस उपचुनाव में या तो आरएलपी पार्टी का समर्थन करेगा या फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किसी जाट नेता को इस उपचुनाव के मैदान में उतरेगा. 17 नवंबर गुरुवार को विधानसभा उपचुनाव के नामांकन का आखरी दिन है. अगर ऐसा होता है तो जाट समाज का यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा नुकसानदायक साबित होगा. क्योंकि 80% जाट समाज भाजपा से समर्थित माना जाता ह. अगर जाट समाज एकजुट होकर भाजपा और कांग्रेस पार्टियों से अलग होकर चुनाव लड़ता है तो मुकाबला जाट समाज और कांग्रेस का होगा, भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखते हुए तीसरे नंबर पर जाना पड़ सकता है.
बता दें कि जाट नेता शिवचंद सहू, सत्यनारायण झाझरिया, सुशीला सारण, पूर्वप्रधान सत्यनारायण सारण सहित जाट नेता भाजपा से टिकट की दौड़ में थे और अपनी दावेदारी भी जता चुके थे. इस अवसर पर कांग्रेस के नगरपलिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी, पीसीसी सदस्य ताराचंद सारण, जिला डेयरी अध्यक्ष लालचंद मुंड, इंद्राज सारण, शिवचंद सहु, लालचंद छीरंग, आरएलपी जिलाध्यक्ष मदन ढाका, आरएलपी तहसील अध्यक्ष सांवरमल जाखड़, भाजपा से पूर्व प्रधान सत्यनारायण सहारण सहित बड़ी संख्या में जाट नेता मौजूद रहे.
Reporter- Gopal Kanwar
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