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क्या है फिल्म "छावा" का बुरहानपुर से कनेक्शन? MP में टैक्स फ्री क्यों हुई फिल्म

MP News: 14 फरवरी को सिनेमा हॉल में लगी फिल्म छावा रिलीज के बाद से ही बॉक्स ऑफिस के साथ- साथ दर्शकों पर भी अपना प्रभाव छोड़ रहा है. फिल्म के रिलीज होने से पहले ही लोगों में इस फिल्म को लेकर काफी क्रेज देखा जा रहा था. आपको बता दें कि हाल ही में एमपी सरकार ने भी फिल्म छावा को टैक्स फ्री किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि फिल्म छावा में एमपी के बुरहानपुर जिला के बारे में दिखाया गया है. ऐसी ऐतिहासिक मूवी इतिहास के पन्नों को उजागर करने  के साथ - साथ लोगों पर भी गहरा प्रभाव डालती है. 

 

फिल्म छावा

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फिल्म छावा

अक्सर देखा जाता है जब भी इतिहास के पन्नों से जुड़ी कोई फिल्म रिलीज होती है. तो उन फिल्मों का दर्शकों पर अलग ही प्रभाव पड़ता है. रिलीज होने के पहले ही दर्शक उन फिल्मों का बेसब्री से इंतजार करते हैं. ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला 14 फरवरी को रिलीज हुई मूवी छावा के दौरान. 

 

फिल्म छावा का शानदार प्रदर्शन

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फिल्म छावा का शानदार प्रदर्शन

छावा ना सिर्फ रिलीज से पहले बल्कि रिलीज के बाद भी धमाल मचा रही है. बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बताते हैं कि लोगों को ये मूवी कितनी पसंद आ रही है. फिल्म में दिखाए गए छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी राजे की बायोग्राफी और उनके संघर्ष की कहानी काफी लोगों को प्रेरित कर कही है. खासतौर पर मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ और महाराष्ट्र में लोग छावा के दीवाने हो रहे हैं. 

 

संभाजी राजे और एमपी कनेक्शन

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संभाजी राजे और एमपी कनेक्शन

शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी राजे  का संबंध बुरहानपुर से भी रहा है. बताया जाता है कि उन्होंने अपने शासनकाल में 3 बार बुरहानपुर पर विजय हासिल की थी. एमपी के लोग बताते हैं कि संभाजी राजे को बुरहानपुर पर विजय पाते देख हमें कितना गौरवान्वित महसूस होता है. 

 

बुरहानपुर और मुगल शासक

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बुरहानपुर और मुगल शासक

मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर पर मुगल शासनकाल की गहरी छाप देखने को मिलती है. बुरहानपुर में हुमायूं से लेकर शाहजहां जैसे मुगल शासकों की हुकूमत रही थी. औरंगजेब से लेकर कई मुगल शासकों का इस शहर पर खास प्रभाव पड़ा था. 1536 में गुजरात विजय के बाद मुगल शासक बाबर का बेटा हुमायूं भी बुरहानपुर आया था. 

 

मुमताज महल का निधन

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मुमताज महल का निधन

हुमायूं ही नहीं बल्कि शाहजहां ने भी बुरहानपुर में काफी समय बिताया था. इतिहास के जानकार बताते है कि शाही किला में 14वीं संतान को जन्म देते समय प्रसव पीड़ा से बेगम मुमताज महल का निधन हो गया था जिसके बाद से करीब 6 महीने तक बेगम मुमताज के शव को बुरहानपुर में रखा गया था और फिर उनके शव को आगरा ले जाया गया था. 

 

छावा मूवी की शानदार सफलता

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छावा मूवी की शानदार सफलता

इन्ही सब कारणों से फिल्म छावा एमपी के साथ- साथ महाराष्ट्र के लोगों को अपना दीवाना बना चुकी है और ये मूवी पूरे देश में धमाल मचा रही है.