Sasaram Student Murder: जिस इलाके में पर्ची रखने की होती है जांच, वहां पिस्तौल कहां से आई? और चली गई जान
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Sasaram Student Murder: जिस इलाके में पर्ची रखने की होती है जांच, वहां पिस्तौल कहां से आई? और चली गई जान

Sasaram Student Murder: डेहरी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सुअरा के पास लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया है. वजह यह है कि कल देर शाम सासाराम के धौडाढ थाना क्षेत्र के ताराचंडी के पास मैट्रिक की परीक्षा दे कर ऑटो से जा रहे परीक्षार्थियों के बीच मारपीट हो गई. इस दौरान फायरिंग भी हुई. इस फायरिंग में गोली लगने से 16 साल के अमित कुमार नामक मैट्रिक के परीक्षार्थी की मौत हो गई.

ससाराम में स्टूडेंट की हत्या

Sasaram Student Murder Case: बिहार में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं. इस बीच 20 फरवरी, 2025 दिन गुरुवार को परीक्षा केंद्र के पास छात्र की होली मारकर हत्या करने की वारदात हो जाती है. इस घटना से सासाराम समेत पूरे राज्य में हलचल तेज हो जाती है. हर तरफ कई तरह के सवाल उठने लगते हैं. सवालों के जानने से पहले जानते है कि आखिर छात्र की हत्या क्यों की गई? फिर उस सवाल को उठाएंगे कि आखिर इस क्षेत्र में पिस्टौल कैसे पहुंची? क्योंकि परीक्षा सेंटर के क्षेत्र में धारा 144 लगी होती है. लिहाजा, यह सुरक्षा में बहुत बड़ी प्रशासन की है. 

दरअसल, रोहतास जिले के सासाराम कस्बे में नकल को लेकर 10वीं के छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प में एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं, दो अन्य घायल हो गए. तीन छात्रों को गोली लगी, जिनमें से एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम को छात्रों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते हिंसक हो गई और गोलियां चलने लगीं. डेहरी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शंभू बिगहा गांव के मंजू यादव के पुत्र अमित कुमार और कमलेश सिंह के पुत्र संजीत कुमार को गोली लग गई. इलाज के दौरान अमित कुमार की मौत हो गई.

घटना से गुस्साए पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों ने 21 फरवरी, 2025 दिन शुक्रवार की सुबह जीटी रोड सिक्स लेन पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सड़क पर आगजनी की और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. प्रदर्शन के कारण यातायात जाम हो गया और हाईवे पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई. जाम करीब डेढ़ घंटे तक चला, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि गहन जांच के बाद आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. आखिरकार, प्रदर्शनकारी वहां से चले गए, जिससे यातायात सामान्य रूप से चलने लगा.

अब सवाल ये कि परीक्षा सेंटर वाले क्षेत्र में पुलिस की कड़ी सुरक्षा रहती है. परीक्षा के दौरान एक-एक छात्र की चेंकिंग की जाती है, फिर कैसे कोई छात्र पिस्टल लेकर एग्जाम सेंटर वाले इलाके में पहुंच जाता है? माना जाता है कि जिस महीने में बोर्ड परीक्षा चलता है, उस महीने सुरक्षा व्यवस्था और दिनों के मुकाबले ज्यादा सख्त होती है. पुलिस चेकिंग लगातार करती है. इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारी प्रवेक्षक के तौर पर सेंटर का दौरा करते हैं. इतनी कड़ी सुरक्षा होने के बावजूद इतनी बड़ी वारदात हो गई, कैसे?

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बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के अनुसार, 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 17 फरवरी से शुरू हुई हैं और 25 फरवरी तक जारी रहने की उम्मीद है. 15 लाख से अधिक छात्र परीक्षा दे रहे हैं और कदाचार मुक्त परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. 

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