कॉलरा का कहर अफ्रीकी देश सूडान में देखने को मिल रहा है, जहां लोगों को हमेशा इस बात का डर हो रहा है कि कहीं हैजा उनकी जान न ले ले. हालांकि सरकार बीमारी पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.
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Cholera outbreak in Sudan: हैजा कितना खतरनाक हो सकता है इसका सबूत एक अफ्रीकी मुल्क में साफ देखा जा सकता है. खारतूम के लोकल एनजीओ ने जानकारी दी है कि सूडान के व्हाइट नाइल राज्य (White Nile State) में कॉलरा से मौत को लेकर खौफनाक डेटा शेयर किया है. इसके मुताबिक पिछले 72 घंटों में हैजा से 83 लोगों की मौत हो गई है.
80 से ज्यादा की मौत
गैर-सरकारी सूडानी डॉक्टर्स के नेटवर्क ने 22 फरवरी 2025 को एक बयान में कहा, "व्हाइट नाइल में हैजा फैलने से 83 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1,197 अन्य इंफेक्टेड हुए हैं, जिनमें से शुक्रवार तक 259 लोग ठीक हो चुके हैं."
खतरनाक हालात
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक इस नेटवर्क ने हालात को "विनाशकारी" बताते हुए हेल्थ अथॉरिटीज से गुजारिश की है कि वो अस्पताल में बिस्तरों की कमी और बीमारों की बढ़ती तादाद को देखते हुए एक्सट्रा सेंटर खोलें.
कैसे हैं उपाय?
नेटवर्क ने लोकल अथॉरिटीज से अवेयरनेस कैंपेन तेज करने, बाजारों को डिसइंफेक्ट करने, पारंपरिक तरीकों से पेयजल वितरण को रोकने तथा वॉटर नेटवर्क की कमी वाले इलाकों में क्लोरीन बांटने करने की भी गुजारिश की है.
800 से ज्यादा केस
इस बीच लोकल वॉलेंटियर ग्रुप निदा अल-वसत प्लेटफार्म (Nidaa Al-Wasat Platform) ने चेतावनी दी कि व्हाइट नाइल स्टेड के अहम शहर कोस्ती (Kosti) में हेल्थ सिचुएशन "बहुत खतरनाक मोड़ ले रहा है", जहां 800 से ज्यादा हैजा के मामले सामने आए हैं और कई लोगों की मौत हुई है.
एक दूसरे एनजीओ, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Doctors Without Borders) ने भी एक प्रेस रिलीज में कंफर्म किया है कि "बड़ी तादात में लोगों की मौतें हो गई है, और 800 से ज्यादा लोग तेज दस्त, डिहाइड्रेशन, उल्टी जैसे लक्षणों के साथ कोस्टी टीचिंग अस्पताल में कॉलरा ट्रीटमेंट सेंटर में इलाज करा रहे हैं, जिसे एमएसएफ (MSF) द्वारा सहायता प्राप्त है."
इसमें बताया गया कि पहले 100 मरीज बीते बुधवार रात को ट्रीटमेंट सेंटर पहुंचे और शुक्रवार दोपहर तक ये संख्या 800 से अधिक हो गई. प्रेस रिलीज में कोस्टी में एमएसएफ के मेडिकल कॉर्डिनेटर फ्रांसिस लायो ओकान (Francis Layoo Ocan) के हवाले से कहा गया, "सिचुएशन अलार्मिंग है और कंट्रोल से बाहर होने वाली है."
इमरजेंसी सिचुएशन
एमएसएफ ने इस इस इमरजेंसी सिचुएशन से निपटने के लिए दूसरे संगठनों से मदद की अपील की है, साथ ही ये भी कहा है कि इंफेक्शन का सबसे संभावित सोर्स व्हाइट नील नदी है.
दरअसल, 16 फरवरी को राज्य के उम-दबाकिर बिजलीघर पर ड्रोन से हमला किया गया था, जिससे आस-पास के प्रमुख शहरों के जलघर प्रभावित हुए और स्थानीय निवासियों को व्हाइट नील नदी से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
सरकार ने क्या कदम उठाए?
स्थानीय प्राधिकारियों ने हैजा के प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें नदी से पानी जमा करने पर बैन लगाना, जल वितरण प्रणाली में क्लोरीनीकरण बढ़ाने का निर्देश देना, और राज्य में बाजार और ज्यादातर रेस्तरां बंद करना शामिल है. बीते शनिवार को ही, सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने व्हाइट नाइल में कॉलरा वैक्सिनेशन कैंपेन शुरू करने का ऐलान किया, जिसका टारगेट कोस्ती और रबाक शहरों में एक वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों को टीका लगाना है.
हैजा क्यों होता है?
हैजा (Cholera) एक संक्रामक बीमारी है, जो विब्रियो कोलेरी (Vibrio cholerae) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. ये खास तौर से गंदे पानी और भोजन के सेवन से फैलता है. गर्मियों और बरसात के मौसम में ये बीमारी ज्यादा फैलती है, क्योंकि इस दौरान वॉटर बॉर्न इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है. गंदगी, साफ-सफाई की कमी और दूषित जल स्रोतों का इस्तेमाल इस बीमारी के फैलने के प्रमुख कारण होते हैं.
हैजा के लक्षण
1. बार-बार पतला दस्त
2. उल्टी और मतली
3. तेज प्यास लगना
4. मांसपेशियों में ऐंठन
5. कमजोरी और चक्कर आना
6. त्वचा का रूखापन और बेजान हो जाना
इस बीमारी से कैसे बचें
1. साफ और उबला हुआ पानी पिएं.
2. भोजन को सही से पकाएं और ताजा खाएं.
4. खुद की और अपने आसपास की हाइजीन मेंटेन रखें.
5. संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें.
6. ORS घोल का सेवन करें और शरीर में पानी की कमी न होने दें.
7. वैक्सीन लगवाएं.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.