Rent Agreement: यूपी में क‍िरायेदारों के लि‍ए बदला न‍ियम, रेंट एग्रीमेंट की होगी रज‍िस्‍ट्री! क‍ितना होगा फायदा
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Rent Agreement: यूपी में क‍िरायेदारों के लि‍ए बदला न‍ियम, रेंट एग्रीमेंट की होगी रज‍िस्‍ट्री! क‍ितना होगा फायदा

Rent Agreement New Rules: नए न‍ियम लागू होने से न केवल कम पैसे खर्च करके रज‍िस्‍टर्ड रेंट एग्रीमेंट कराया जा सकेगा बल्‍क‍ि क‍िरायेदार और मकान माल‍िक के पहले से ज्‍यादा ह‍ित सुरक्ष‍ित रहेंगे. 

Rent Agreement: यूपी में क‍िरायेदारों के लि‍ए बदला न‍ियम, रेंट एग्रीमेंट की होगी रज‍िस्‍ट्री! क‍ितना होगा फायदा

UP Rent Agreement Act: उत्तर प्रदेश सरकार अब संपत्ति की सुरक्षा को बेहतर करने के ल‍िए नया नियम बनाने जा रही है. इसके तहत अब रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा. इसका सीधा सा मतलब यह हुआ क‍ि जो लोग किराये पर घर लेते हैं, उनके एक कानूनी दस्तावेज बनेगा, जिससे उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे. यह प्रस्ताव जल्द सरकार के सामने रखा जाएगा. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री करवाएं, इसलिए स्टांप शुल्क यानी रजिस्ट्री कराने का खर्च भी कम रखने की सिफारिश की गई है.

500 रुपये से 20000 तक का स्टांप शुल्क देना होगा

एक साल के रेंट एग्रीमेंट के लिए 500 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक का स्टांप शुल्क लगेगा. इससे लोगों को आसानी होगी और संपत्ति से जुड़े विवाद में भी कमी आएगी. स्टांप और रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री होने से मकान मालिक और किरायेदार दोनों के बीच होने वाले झगड़े कम होंगे. साथ ही, जो संपत्ति किराये पर दी गई है, वह भी सुरक्षित रहेगी. मौजूदा समय में किराया और कितने समय के लिए दिया गया है, इसके हिसाब से स्टांप शुल्क लगता है.

किरायेनामे को रजिस्टर कराने पर दोनों पक्षों के हित सुरक्षित रहेंगे
अगर किरायेनामे को रजिस्टर करा लिया जाता है तो इससे दोनों पक्षों के हित सुरक्षित रहेंगे. रजिस्ट्री के बाद एग्रीमेंट में लिखी शर्तों के हिसाब से कानूनी मान्यता होगी. इसका मतलब यह हुआ क‍ि यद‍ि कोई विवाद होता है तो जो शर्तें एग्रीमेंट में लिखी हैं, उन्हीं के हिसाब से फैसला होगा. अभी ज्‍यादातर लोग रेंट एग्रीमेंट नहीं कराते, क्योंकि रजिस्ट्री कराने में स्टांप शुल्क यानी खर्चा बहुत ज्‍यादा होता है. लोग आमतौर पर 100 रुपये के स्टांप पेपर पर ही करार करते हैं, जिसका कोई कानूनी मतलब नहीं होता.

86000 लोगों ने ही अपने रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री कराई
पिछले एक साल का आंकड़ा बताता है कि केवल 86000 लोगों ने ही अपने रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री कराई है, जबकि लाखों लोग हर साल अपने घर और संपत्ति किराये पर देते हैं. इसका मतलब है कि ज्‍यादातर लोग बिना किसी कानूनी सुरक्षा के ही किराये पर घर ले रहे हैं या दे रहे हैं. नए नियम के हिसाब से रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा. इस पोर्टल पर तय फॉर्मेट होगा. आप उस फॉर्म को डाउनलोड करके प्रिंट कर सकते हैं या अपने कंप्यूटर में सेव कर सकते हैं. संबंधितत फॉर्म पर स्टांप चिपकाकर उसे कानूनी मान्यता मिल जाएगी.

इसके बाद वो एग्रीमेंट कानूनी तौर पर सही माना जाएगा. उसके बाद मकान मालिक और किरायेदार दोनों ही उस एग्रीमेंट में लिखी बातों के हिसाब से अपने दावे पेश कर सकते हैं. यानी अगर कोई व‍िवाद होता है तो उस एग्रीमेंट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रस्तावित नए एग्रीमेंट एक्ट के तहत एक साल तक के रेंट एग्रीमेंट के लिए किराये की रकम का 2% स्टांप शुल्क लगेगा. इसके साथ अलग-अलग किराये की रकम के लिए स्टांप शुल्क की एक ल‍िस्‍ट भी बनाई जा रही है.

दो लाख रुपये तक के सालाना किराये पर 500 रुपये का स्टांप शुल्क लगेगा. पांच लाख रुपये तक के सालाना किराये पर 5000 रुपये का स्टांप शुल्क और एक करोड़ रुपये तक के सालाना किराये पर 20000 रुपये का स्टांप शुल्क लगाया जाएगा. इसका सीधा सा मतलब यह हुआ क‍ि अब यद‍ि आप कम किराये पर घर ले रहे हैं तो आपको कम स्टांप शुल्क देना होगा. इससे लोगों को रेंट एग्रीमेंट बनवाने में आसानी होगी और कानूनी तौर पर उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे.

अभी क्‍या है न‍ियम?
मौजदूा न‍ियम के तहत यद‍ि आप राज्‍य में अभी रेंट एग्रीमेंट रज‍िस्‍टर्ड कराते हैं तो आपको औसत सालाना क‍िराये के ह‍िसाब से स्‍टैंप ड्यूटी देनी होती है. ग्रामीण इलाकों में 2 प्रत‍िशत और शहरी इलाकों में 4 प्रत‍िशत की स्‍टैंप ड्यूटी लगती है. यानी आपके ममान का क‍िराया दो लाख है तो अभी 8000 रुपये तक की स्‍टैंप ड्यूटी लगती है. लेक‍िन नए न‍ियम के ह‍िसाब से इस पर महज 500 रुपये की स्‍टैंप ड्यूटी का भुगतान करना होगा. मौजूदा न‍ियम में ज्‍यादा स्‍टैंप ड्यूटी लगने के कारण अध‍िकतर मामलों में क‍िरायेदार और मकान माल‍िक एग्रीमेंट को रज‍िस्‍टर नहीं कराते. प‍िछले साल एक से 10 साल तक की अवध‍ि वाले महज 21,939 रेंट एग्रीमेंट को ही प्रदेश में रज‍िस्‍टर करवाए गए. 

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