Anil Ambani Reliance Capital Deal: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) को 25 फरवरी तक रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण पूरा करने का आदेश दिया है.
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Hinduja Group Reliance Capital Deal: अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की प्रक्रिया अब पूरी होने वाली है. इस महीने के आखिर तक कंपनी पूरी तरह बिक जाएगी. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) को 25 फरवरी तक रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण पूरा करने का आदेश दिया है. इस मामले से जुड़े सभी विवाद, खासकर बार्कलेज (Barclays) और 360 वन (360 One) जैसी उधार देने वाली कंपनियों की चिंता को भी सुलझा लिया गया है. अधिग्रहण पूरा करने के लिए केवल डीलिस्टिंग (De-Listing) की मंजूरी का इंतजार है.
25 फरवरी तक अधिग्रहण पूरा करने का आदेश
मुंबई स्थित एनसीएलटी (NCLT) बेंच ने IIHL द्वारा रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. ज्यूडिशियल मेंबर वीजी बिष्ट और टेक्निकल मेंबर प्रभात कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने 25 फरवरी तक करार पूरा करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी. इस करार में सबसे बड़ी प्रॉब्लम फंड फ्लो मैकेनिज्म (Fund Flow Mechanism) को लेकर थी. इस मैकेनिज्म को 89% कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) ने मंजूरी दी थी, लेकिन बार्कलेज और 360 वन जैसे उधारदाताओं ने इस पर आपत्ति जताई थी. उनकी चिंता थी कि अगर डील कियी कारण कैंसिल हो जाती है तो उनके द्वारा दी गई राशि वापस कैसे मिलेगी.
IIHL के वकील का दावा, मामले को सुलझा लिया गया
अदालत में आईआईएचएल (IIHL) के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि इस मामले को हल कर लिया गया है. 25 फरवरी तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है, केवल डीलिस्टिंग की मंजूरी का इंतजार है. यदि 25 फरवरी तक अधिग्रहण पूरा नहीं होता तो इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी. इससे पहले, NCLT ने फरवरी 2024 में IIHL के 9,861 करोड़ के अधिग्रहण प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. पहले आईआईएचएल (IIHL) ने कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) को जानकारी दी थी कि वह इस डील को 31 जनवरी 2025 तक पूरा करना चाहता है.
'अनवाइंडिंग क्लॉज' पर विवाद
बार्कलेज और 360 वन ने इस डील के लिए 4,300 करोड़ की दूसरी किश्त के रूप में वित्तीय सहायता दी थी. उन्होंने एक 'अनवाइंडिंग क्लॉज' (Unwinding Clause) की मांग की थी, जिससे यदि कोई प्रॉब्लम बनती है तो पूरी डील को रद्द किया जा सके. हालांकि, प्रशासक (Administrator) के वकील ने तर्क दिया कि एनसीएलटी (NCLAT) के पिछले फैसलों के अनुसार, एक बार समाधान योजना (Resolution Plan) को मंजूरी मिलने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता. अब बार्कलेज और 360 वन इस शर्त को हटाने पर सहमत हो गए हैं, जिससे करार का रास्ता साफ हो गया है.
फंडिंग और भुगतान की स्थिति
IIHL के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सौदे को पूरा करने के लिए आठ महत्वपूर्ण बिंदु बताए. अगस्त 2024 में IIHL ने पहले ही ₹2,750 करोड़ जमा कर दिए थे और अतिरिक्त ₹3,000 करोड़ एस्क्रो खाते (Escrow Account) में रखे थे. यह कुल राशि का 58.93% है. बाकी ₹4,300 करोड़ भी तैयार हैं, लेकिन फंड फ्लो मैकेनिज्म को लागू करने की जरूरत थी. अब यह समस्या हल हो गई है.