New Delhi Railway Station stampede case : प्रयागराज जाने वाली तीन ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे स्टेशन पर भीड़ और ज्यादा बढ़ गई. रेलवे ने हर घंटे 1500 से ज्यादा जनरल टिकट बेचे, लेकिन भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी नहीं थे.
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New Delhi Railway Station Stampede Reasons: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए भगदड़ कांड ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आरपीएफ की जांच रिपोर्ट में हादसे के पीछे कई बड़ी लापरवाहियों का खुलासा हुआ है. भीड़ प्रबंधन में असफलता, गलत अनाउंसमेंट और कुंभ मेले की भीड़ के लिए अपर्याप्त तैयारियां इस त्रासदी के मुख्य कारण बने है. इस हादसे में अब तक 20 लोगों की मौत हो गई है.
भारी भीड़ और लचर प्रबंधन
जांच रिपोर्ट के अनुसार शनिवार रात स्टेशन पर हजारों यात्री मौजूद थे. प्रयागराज जाने वाली तीन ट्रेनों के लेट होने के कारण भीड़ और बढ़ गई. रेलवे ने हर घंटे 1500 से अधिक जनरल टिकट बेचे, लेकिन भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती नहीं की गई. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि यात्री प्लेटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज पर बेतरतीब तरीके से जमा हो गए.
कुंभ मेले और वीकेंड के लिए कोई तैयारी नहीं
जांच में सामने आया कि कुंभ मेले के कारण प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या पहले से ही अधिक थी. वीकेंड के चलते भी भीड़ बढ़ गई थी, लेकिन रेलवे ने कोई विशेष इंतजाम नहीं किए. न तो अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए और न ही यात्रियों को सही मार्गदर्शन देने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया. इस अव्यवस्था के कारण यात्रियों में असमंजस और घबराहट फैल गई.
गलत अनाउंसमेंट से मची अफरा-तफरी
हादसे की एक बड़ी वजह गलत अनाउंसमेंट थी. जब प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के आने की घोषणा हुई, तो यात्री भ्रमित हो गए. दरअसल, प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पहले से ही प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी. यात्रियों को लगा कि उनकी ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदल दिया गया है, जिससे लोग भागते हुए प्लेटफॉर्म बदलने लगे. इसी जल्दबाजी में भगदड़ मच गई.
CCTV फुटेज और जांच जारी
इस घटना के बाद रेलवे पुलिस और आरपीएफ की टीमें मिलकर जांच कर रही हैं. CCTV फुटेज की मदद से यह पता लगाया जा रहा है कि भगदड़ की शुरुआत कहां से हुई और किनकी लापरवाही के कारण हादसा हुआ. आरपीएफ ने साफ किया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
सबक और सुधार की जरूरत
यह हादसा रेलवे के प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है. कुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए ठोस योजना, बेहतर अनाउंसमेंट सिस्टम और अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है. इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकना होगा.
इनपुट- प्रमोद शर्मा
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