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Haryana News: किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी मंगलवार शाम चंडीगढ़ पहुंचे. जहां उन्होंने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ मुलाकात की. मुलाकात के बाद चढूनी ने कहा कि वह कई मांगों को लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे. जिसको लेकर मुलाकात में बातचीत हुई. अब तक सरसों की खरीद शुरू नहीं हुई है, जिसको लेकर हमें आश्वासन मिला है कि 28 फरवरी से सरसों की खरीद शुरू हो जाएगी. इसके अलावा हरियाणा के कई किसानों पर पुराने मामले दर्ज हैं. हमने उन मामलों को खारिज करने की मांग उठाई थी. जिसकी समीक्षा का आश्वासन दिया गया है. इसके अलावा कई अन्य मांगें भी इस मुलाकात में उठाई गई थी.
किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बारे में उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है, लेकिन सरकार इस आंदोलन को खत्म करने के मूड में दिखाई नहीं दे रही. सिर्फ मीटिंग करवाई जाती है और किसानों को टाल दिया जाता है. अगर सरकार चाहे तो किसानों की मांगे पूरी करके इस आंदोलन को खत्म करवा सकती है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आंदोलन कब तक चलेगा यह तो आंदोलन कर रहे किसान नेता ही बता सकते हैं. हम तो उनके सहयोगी हैं. 25 फरवरी को दिल्ली कूच करने को लेकर ऐसा तो पहले भी कई बार किया गया है, लेकिन क्या किसान दिल्ली पहुंच पाए?
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गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि यह आंदोलन देशभर के किसानों के लिए है, लेकिन इस आंदोलन में कुछ ही किसान संगठन शामिल हैं. जबकि इसमें सारे देश किसान संगठनों को शामिल होना चाहिए था. काम संगठनों की वजह से आंदोलन कमजोर हुआ है.
इसके अलावा कहा कि इस आंदोलन का फायदा किसानों को तो नहीं हुआ, लेकिन भाजपा को इसका बहुत फायदा मिल रहा है. भाजपा ने हरियाणा में 90 में से 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई जबकि ऐसा लगता था कि इस बार भाजपा जीत नहीं पाएगी. दिल्ली में भी भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई और वहीं पंजाब में भाजपा का वोट बैंक 9% से बढ़कर 18% हो गया. बीजेपी को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है. इसका कारण यह है कि जो लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं. उनके विरोधी भाजपा का साथ दे रहे हैं, जिससे भाजपा को फायदा हो रहा है.
INPUT: VIJAY RANA