Jhajjar News: राजस्थान से दिल्ली तक किसानों का संघर्ष, एचटी लाइन के मुआवजे को लेकर सरकार के खिलाफ महापंचायत
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Jhajjar News: राजस्थान से दिल्ली तक किसानों का संघर्ष, एचटी लाइन के मुआवजे को लेकर सरकार के खिलाफ महापंचायत

राजस्थान से हरियाणा के झज्जर समेत कई जिलों से होते हुए दिल्ली के नरेला तक पॉवर ग्रिड की एचटीलाइन की स्थापना को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ खुला संघर्ष शुरू कर दिया है.

Jhajjar News: राजस्थान से दिल्ली तक किसानों का संघर्ष, एचटी लाइन के मुआवजे को लेकर सरकार के खिलाफ महापंचायत

Jhajjar News: राजस्थान से हरियाणा के झज्जर समेत कई जिलों से होते हुए दिल्ली के नरेला तक पॉवर ग्रिड की एचटीलाइन की स्थापना को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ खुला संघर्ष शुरू कर दिया है. किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है और इसके लिए 'पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति' के बैनर तले कई दिनों से लघु सचिवालय में धरना प्रदर्शन किया है. सोमवार को इसी मुद्दे पर किसानों ने लघु सचिवालय में महापंचायत का आयोजन किया. इस महापंचायत में किसान संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए और सरकार की तानाशाही की खुलकर आलोचना की.

किसानों ने लगाया आरोप
किसानों का कहना है कि सरकार चाहे कितनी भी धक्काशाही और तानाशाही अपनाए वह बिना मार्केट रेट के मुआवजा लिए एचटी लाइन को अपने खेतों से नहीं गुजरने देंगे. किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके खेतों में एचटी लाइन के पोल लगाने के लिए गड्ढे खोद दिए हैं, जिन्हें वे जल्द ही भरने का काम करेंगे. किसानों का सवाल था कि जब एचटी लाइन के कारण उन्हें नुकसान होता है. यह नुकसान मार्केट रेट के हिसाब से 70 प्रतिशत तक पहुंच जाता है, तो फिर उन्हें मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा है? किसानों का कहना था कि एचटी लाइन जहां से गुजरती है. 

वहां की पूरी जमीन 70 प्रतिशत तक खराब हो जाती है, क्योंकि न तो उस पर कोई फैक्ट्री लग सकती है और न ही फसल उगाई जा सकती है. सरकार किसानों के नुकसान को 30 प्रतिशत मानती है, जबकि किसानों के मुताबिक यह नुकसान कहीं अधिक है. किसानों ने यह साफ किया कि वे देश के विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे यह भी नहीं चाहते कि उन्हें नुकसान हो. इसलिए सरकार से उनकी मांग है कि मुआवजा मार्केट रेट के हिसाब से दिया जाए.

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गंभीर मुद्दा उठाया
किसानों ने मुआवजे के अलावा, एचटी लाइन के कारण होने वाली हानि के लिए प्रतिवर्ष रॉयल्टी की भी मांग की. इसके अलावा महापंचायत में एक और गंभीर मुद्दा उठाया गया. किसानों ने गांव खरहर के एक बुजुर्ग किसान के साथ पुलिस कर्मचारी द्वारा उसके खेत में धक्का देने की घटना की निंदा की. किसानों ने कहा कि वे पुलिस के उच्चाधिकारियों को इस मामले से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक आरोपी पुलिस कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. किसानों ने इस पुलिस कर्मचारी को निलंबित करने और विभागीय जांच की मांग की. कुल मिलाकर किसानों ने सरकार के खिलाफ एकजुट होकर अपना संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है जब तक उन्हें उचित मुआवजा और रॉयल्टी नहीं मिलती.

Input- Sumit Thara