रेखा गुप्ता के शपथ समारोह में नहीं दिखी NDA की एकजुटता... नीतीश, चिराग, मांझी और नायडू रहे गायब
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रेखा गुप्ता के शपथ समारोह में नहीं दिखी NDA की एकजुटता... नीतीश, चिराग, मांझी और नायडू रहे गायब

Ceremony of CM Rekha Gupta: रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने पर एनडीए के नेताओं ने खुशी जताई. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि महिलाओं को नेतृत्व का मौका मिल रहा है. 

 

रेखा गुप्ता के शपथ समारोह में नहीं दिखी NDA की एकजुटता... नीतीश, चिराग, मांझी और नायडू रहे गायब

Delhi Chief Minister Rekha Gupta: दिल्ली की राजनीति में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब रामलीला मैदान में रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ छह विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली, लेकिन इस समारोह में एक बड़ी सियासी हलचल तब दिखी जब बिहार के तीन बड़े नेता नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी इसमें शामिल नहीं हुए. बीजेपी ने एनडीए के सभी सहयोगी दलों को न्योता भेजा था, फिर भी इन दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति ने राजनीतिक अटकलों को जन्म दे दिया.

एनडीए की एकता महज दिखावा है: राजद 
बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे समय में इन नेताओं का शपथ ग्रहण से दूर रहना कई सवाल खड़े करता है. विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस मौके को भुनाते हुए एनडीए पर निशाना साधा. राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा कि बीजेपी छोटे दलों को कमजोर करने में लगी है. बिहार के क्षेत्रीय दल बीजेपी से डरे हुए हैं कि कहीं उनका हाल भी महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे जैसा न हो जाए. बीजेपी अपने सहयोगियों को खत्म करने की राजनीति कर रही है, यही वजह है कि नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी दिल्ली नहीं गए. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने शपथ ग्रहण समारोह को एनडीए की एकता दिखाने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन हकीकत यह है कि बिहार के तीन अहम एनडीए सहयोगी इसमें शामिल नहीं हुए.

आखिर क्यों नहीं आए बिहार के नेता?
इन तीनों नेताओं के अनुपस्थित रहने के पीछे अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं

नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री, बिहार)
नीतीश कुमार इन दिनों बिहार में ‘प्रगति यात्रा’ पर हैं. उनकी जगह केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और संजय झा को दिल्ली भेजा गया.

चिराग पासवान (केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री)
चिराग पासवान इस समय दुबई में हैं, जहां वह भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. उनकी पार्टी से भी कोई नेता समारोह में नहीं पहुंचा.

जीतन राम मांझी (HAM प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार)
मांझी का न आना सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना, क्योंकि उन्होंने बीजेपी पर सीट बंटवारे को लेकर दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मांझी ने बीजेपी को यहां तक कह दिया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे केंद्रीय मंत्रिमंडल छोड़ सकते हैं.

दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने पर NDA नेताओं की प्रतिक्रिया
रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने पर एनडीए के कई नेताओं ने खुशी जताई. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि महिलाओं को नेतृत्व करने का अवसर मिल रहा है. बिहार में भी एनडीए सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. हमें उम्मीद है कि रेखा जी दिल्ली में विकास के नए दौर की शुरुआत करेंगी. बिहार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने भी बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा महिलाओं का सम्मान करने वाली पार्टी है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिलाओं को 50% आरक्षण दिया है और 35% नौकरियों में जगह दी है. बीजेपी और एनडीए महिलाओं को आगे बढ़ाने में विश्वास रखते हैं.

क्या बिहार चुनाव पर पड़ेगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एनडीए के अंदर हलचल जारी रहेगी. नीतीश कुमार की दूरी, चिराग की गैरमौजूदगी और मांझी की नाराजगी यह संकेत देती है कि बिहार में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच अभी भी कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार चुनाव नजदीक आते-आते एनडीए कितना मजबूत रहता है या फिर इन नेताओं की नाराजगी गठबंधन के लिए किसी बड़ी चुनौती का संकेत है.

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