What is Duplicate Blood: दुनिया में साइंटिस्ट नए नए रिसर्च करते रहते हैं. वहीं अब डुप्लीकेट ब्लड लाने की कोशिश की जा रही है, और इसके टेस्ट के लिए ब्रिटेन में पहली बार लैबोरेट्री में बनाया गया ख़ून इंसानों को चढ़ाया गया है. ब्रिटेन में क्लिनिकल ट्रायल के तौर पर दो लोगों को लैबोरेट्री में बना ये ख़ून चढ़ाया गया. इस क्लिनिकल ट्रायल में कैम्ब्रिज और ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी समेत कई ऑर्गनाइज़ेशन्स के साइंटिस्ट शामिल हैं. लैब में ब्लड बनाने के लिए डोनर के स्टेम सेल्स का इस्तेमाल किया गया है. ट्रायल के तौर पर दो वॉलंटियर्स को सिर्फ़ 5 से 10 मिलीलीटर ख़ून चढ़ाया गया है यानी लगभग दो चम्मच ख़ून चढ़ाया गया है. लैब में तैयार इस ख़ून में रेडियोऐक्टिव मैटीरियल भी मौजूद हैं. जिनकी मदद से ख़ून में होने वाले बदलावों की निगरानी की जाएगी ट्रायल में शामिल साइंटिस्ट्स के मुताबिक जिन दो वॉलंटियर्स को ख़ून चढ़ाया गया है. उनमें अब तक कोई साइड इफ़ेक्ट नज़र नहीं आया है. जानकारों का कहना है कि अगर ये क्लिनिकल ट्रायल सफ़ल रहा तो ब्लड डिसऑर्डर और रेयर ब्लड ग्रुप वाले मरीज़ों के इलाज में मदद मिल सकेगी
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