अघोरी बाबाओं की दुनिया बहुत रहस्यमयी होती है. ज्यादातर लोगों को इनके बारे में अधिक जानकारी नहीं होती.
लेकिन आपने ये तो देखा ही होगा कि अघोरी बाबाओं के पास खोपड़ी होती है. ये इसी से तंत्र मंत्र करते हैं.
चलिए, जानते हैं कि अघोरी ये खोपड़ी कहां से लेकर आते हैं. इसके बारे में आपने पहले नहीं जाना होगा.
ऐसा कहा जाता है कि जब किसी अघोरी कि मृत्यु होती है, तो शिष्य उसकी खोपड़ी रख लेते हैं.
अपने गुरु के मुंड को वे सबसे पहले मां काली को अर्पित करते हैं. अमावस्या की रात को वे खोपड़ी को सिद्ध करते हैं.
इसके बाद ही अघोरी अपनी साधना के लिए नरमुंड का उपयोग करते हैं. सिद्धि नहीं होने तक वे नरमुंड का उपयोग नहीं करते.
ऐसा भी कहा जाता है कि अघोरी के पास उन साधकों की भी नरमुंड होती हैं, अपने प्राण त्याग देते हैं.
इन खोपड़ियों को भी अघोरी पहले सिद्ध करते हैं, बाद में इनका उपयोग करते हैं.
हां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.