दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो इच्छा मृत्यु की इजाजत देते हैं. ऐसा तभी हो सकता है व्यक्ति के बचने की कोई गुंजाइश न हो, वह अपनी बीमारी के दर्द को बर्दाश्त न कर पा रहा हो.
भारत में कर्नाटक सरकार ने 2018 में इच्छा मृत्यु यानी यूथेनेसिया की इजाजत दी थी, लेकिन यह तब हो सकता है जब मरीज के बचने की कोई उम्मीद न हो.
नीदरलैंड दुनिया का पहला देश है जिसने इच्छा मृत्यु को कानूनी मान्यता दी थी. यहां 2002 में यह लागू हो गया था.
नीदरलैंड के बाद बेल्जियम इच्छा मृत्यु लागू करने वाला दूसरा देश बना था, यहां भी 2002 में यह कानूनी बना था.
लक्समबर्ग में 2009 में इच्छा मृत्यु को वैध कर दिया गया था.
कनाडा में 2016 में सहायता प्राप्त मृत्यु की अनुमति दी थी.
स्पेन में 2021 में इच्छा मृत्यु कानून बना था.
न्यूजीलैंड में 2021 में इच्छा मृत्यु के कानून को मान्यता दी गई थी.
कोलंबिया में बहुत गंभीर बीमारी वाले रोगियों के लिए इच्छा मृत्यु को मंजूरी मिली थी.
ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया, क्वींसलैंड, और साउथ ऑस्ट्रेलिया में भी इच्छा मृत्यु पर कानून है.