श्रमदान करें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यदि आप दान करने की स्थिति में नहीं है तो वहां पर श्रमदान करके भी अपना योगदान दे सकते हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Devinder Kumar
Feb 23, 2025

दान करो

वे कहते हैं कि यदि आप कहीं पर भंडारा या लंगर खा भी लेते हैं तो वहां पर अपनी क्षमतानुसार उचित दान भी करके आएं.

गरीबों का हक

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भंडारा उन लोगों के लिए होता है, जो कि गरीब हैं और जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है.

तीर्थ यात्रा

यदि आप किसी तीर्थ पर जा रहे हैं तो भंडारे में निशुल्क भोजन कभी न करें. ऐसा शास्त्रों के विरुद्ध माना जाता है.

ग्रहस्थ

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यदि आप ग्रहस्थ हैं तो भंडारे का भोजन नहीं खाना चाहिए. ऐसा करने से आप पाप के भागी बन जाते हैं.

प्रेमानंद महाराज

इस मुद्दे पर अब प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने स्थिति स्पष्ट की है. जिसे आप सबको गंभीरता से पढ़ना चाहिए.

लोगों में असमंजस

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जब हम भंडारों में भोजन खाते हैं तो उसे बांटने वाले के पाप-पुण्य में भी हम हिस्सेदार हो जाते हैं.

भगवान का प्रसाद

कई लोगों का मानना है कि भंडारों का प्रसाद ग्रहण करने में कुछ भी गलत नहीं है. यह भगवान के प्रसाद के समान होता है.

भंडारों में भोजन

लेकिन क्या इन भंडारों में भोजन ग्रहण करना सही होता है या गलत, इस पर लोग असमंजस में रहते हैं.

भंडारा करना

सनातन धर्म में विभिन्न पर्व-त्योहारों पर भंडारा करना सामान्य बात है. इन भंडारों में प्रसाद खाने के लिए सैकड़ों लोग उमड़ते हैं.

क्या लंगर-भंडारों में भोजन करना चाहिए या नहीं? जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा

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