वैसे तो यूपी में कई भाषाएं बोली जाती हैं, जो न सिर्फ उनकी संस्कृति को दर्शाती हैं बल्कि उनकी भावनाएं भी व्यक्त करती हैं.
ऐसे में यह जानना तो बनता है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाएं कौन-सी है. आइए जानते हैं...
उत्तर प्रदेश एक बहुभाषी राज्य है जिसमें 3 प्रमुख भाषाएं और 26 अन्य भाषाएं बोली जाती हैं. यहां मुख्य रूप से इंडो-आर्यन भाषाओं के दो क्षेत्रों, मध्य और पूर्वी से संबंधित हैं.
राज्य प्रशासन की भाषा हिंदी हैं, जो यूपी राजभाषा अधिनियम, 1951 द्वारा स्थापित है. साथ ही उर्दू, जो 1989 में उसी के संशोधन द्वारा स्थापित है.
यूपी के कई जिलों में भोजपुरी बोली जाती है. यह एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसे मुख्य रूप से प्रदेश के पूर्वी भाग में भोजपुर - पूर्वांचल क्षेत्र में बोली जाती है.
वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, चंदौली, जौनपुर, सोनभद्र, भदोही, मऊ, गाजीपुर, बस्ती, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ में भोजपुरी बोली जाती है.
लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और फतेहपुर में अवधी बोली जाती है.
उत्तर प्रदेश में ब्रजभाषा मथुरा, आगरा, अलीगढ़, हाथरस, मैनपुरी, एटा जैसे ज़िलों में बोली जाती है. यह भाषा यमुना और गंगा के बीच के इलाके में बोली जाती है.
उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में बुंदेली भाषा बोली जाती है. यह मुख्य रूप से बांदा, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, महोबा में बोली जाती है. बुंदेलखंड क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ज़िले शामिल हैं.
राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी के बाद भोजपुरी भाषा 25.5 मिलियन लोगों या राज्य की आबादी के 11% के साथ दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है.