करीब 320 किलोमीटर लंबा विंध्य एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के 6 जिलों को आपस में जोड़ेगा. विंध्य एक्सप्रेसवे का पहला पड़ाव प्रयागराज होगा.
प्रयागराज के शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा. साथ ही गाजीपुर को भी इस एक्सप्रेसवे से जोड़ने की तैयारी है.
विंध्य एक्सप्रेसवे को भविष्य में छत्तीसगढ़ और झारखंड से भी जोड़ने की योजना है. विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपीडा कराएगा. इसके बन जाने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
320 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए करीब 22500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसके बनने के बाद यात्रा का समय तीन से चार घंटे का हो जाएगा.
विंध्य एक्सप्रेसवे के साथ ही एक और लिंक एक्सप्रेसवे का भी निर्माण किया जाएगा. यह करीब 100 किलोमीटर लंबा होगा. इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से विंध्य और बुंदलेखंड का सीधा संपर्क पूर्वांचल से होगा.
इसे पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे का नाम दिया जाएगा. 6 लेन इस लिंक एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब 7 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
विंध्य एक्सप्रेसवे प्रयागराज से चंदौली तक जाएगा. चंदौली से एक और नया लिंक एक्सप्रेसवे तैयार किया जाएगा. यह एक्सप्रेसवे चंदौली से शुरू होकर गाजीपुर को जोड़ेगा.
विंध्य एक्सप्रेसवे के बनने से यूपी में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. प्रयागराज-वाराणसी और मिर्जापुर आपस में जुड़ जाएंगे. इससे व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा.
मां विंध्यवासिनी मंदिर में देश भर से लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए मिर्जापुर आते हैं. विंध्य कारीडोर बनने के बाद भक्तों की संख्या में और इजाफा हुआ है.
ऐसे में विंध्य एक्सप्रेसवे बनेगा तो अन्य जिलों और प्रदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को भी सहूलियत होगी. बजट मिलने के बाद अब सर्वे का काम शुरू हो जाएगा.
विंध्य एक्सप्रेसवे के बनने से भदोही, वाराणसी, चंदोली और गाजीपुर जैसे कई जिलों और उनके गांवों को भी फायदा होगा. इन गांवों से बेहतर यातायात भी सुगम हो जाएगा.
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