राजस्थान के 10 गांव जहां कोई नहीं खेलता होली, होलिका दहन देखना भी अशुभ

Aman Singh
Feb 20, 2025

देशभर में होली का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जाता है. होलिका दहन के बाद हर ओर रंग व गुलाल की मस्ती छाई हुई नजर आती है.

लेकिन आपको पता है कि राजस्थान का एक शहर ऐसा भी है, जहां ना तो होलिका दहन होता है और ना ही रंग खेला जाता है.

हम बात कर रहे हैं सीकर के नीमकाथाना का आगरी व गणेश्वर सहित करीब 10 गांव की. इन गांवों में करीब 500 साल से होली नहीं मनाई जा रही है.

यहां तक कि होलिका दहन देखना भी अशुभ माना जाता है. रंग-गुलाल को तो कोई हाथ भी नहीं लगाता.

गणेश्वर गांव को बसाने वाले गालव गंगा तीर्थ धाम के कुंड की स्थापना करने वाले राजपूत समाज में जन्मे बाबा रायसल व यादव समाज मे जन्मे हरनाथ यादव थे.

इनके साथ विवाह बंधन में बंधी तुलसा देवी में ईश्वरीय भक्ति भावना कूट कूट कर भरी हुई थी.

तुलसा देवी गालव तीर्थ धाम की पूजा अर्चना करती थी. इन्हीं तुलसा देवी का देवलोकगमन होली के दिन हो गया था.

इसके बाद कनिनवाल परिवार के लोगों ने तीर्थ धाम पर तुलसा माता का मंदिर बनवाया.

साथ ही इस दिन होली नहीं मनाने का निर्णय हुआ. तब से आसपास के 10 गांवों में बसे कनिनवाल गौत्र परिवार के लोग होलिका दहन नही देखते हैं.

VIEW ALL

Read Next Story