बिहार की राजनीति में एक बार फिर भाई-भतीजावाद हावी हो रहा है. रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाई-भतीजावाद की गूंज सुनाई दे रही है, जहां राजनीतिक परिवारों के लोग चुनावी मैदान में हैं. लेकिन इस बार राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने 'परिवार की लड़ाई' की इस लड़ाई को नया मोड़ दे दिया है. बिहार के उपचुनावों में जनसुराज पार्टी से जुड़े प्रशांत किशोर भाई-भतीजावाद के खिलाफ अपनी नई राजनीतिक रणनीति लेकर आए हैं. प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर भाई-भतीजावाद पर निशाना साधा और कहा कि यह चुनाव परिवार की प्रतिष्ठा की लड़ाई से ज्यादा लोगों के हक की लड़ाई है. इमामगंज में हम की उम्मीदवार दीपा मांझी के बारे में पाइक ने कहा कि वह रेस में भी नहीं हैं और तीसरे नंबर पर रहेंगी. प्रशांत का दावा है कि अब जनता समझदार हो गई है और सिर्फ नाम के आधार पर वोट नहीं करेगी, बल्कि अब जनता काम को देखेगी.
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